डिंडोरी जिले का GK History in hindi Dindori GK Facts

डिंडोरी जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल-

हेलो दोस्तों!

आज हम एक बार फिर मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले के बारे में चर्चा करने वाले हैं जो कि मध्य प्रदेश का जबलपुर संभाग का ही एक जिला है | डिंडोरी जिले के अंतर्गत आने वाले सभी पर्यटक स्थलों की महत्वपूर्ण जानकारी आपके सामने उजागर की जाएगी| डिंडोरी जिले में जितने भी पर्यटक स्थल है और ऐतिहासिक धरोहर के स्थल पाए जाते हैं आज उनके बारे में महत्वपूर्ण चर्चा की जाएगी| यहां पर आने वाले सभी ऐतिहासिक स्थल का क्या इतिहास है ?और उनकी क्या जानकारी है? सभी के बारे में महत्वपूर्ण चर्चा की जाएगी|

डिंडोरी जिले के कुछ महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल और उनका विशेष महत्व-

❂ घुघवा राष्ट्रीय उद्यान-

दोस्तों यह राष्ट्रीय उद्यान डिंडोरी जिले के महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों में से एक है यहां पर सर्वाधिक मात्रा में आपको पशु -पक्षी और जानवर देखने को मिलते हैं | इस राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत प्राकृतिक सुंदरता भरपूर देखी जा सकती है | यहां पर कई प्राकृतिक गुफाएं और झरना मौजूद है |

घुघवा राष्ट्रीय जीवाश्म उद्यान डिंडोरी जिले के छोटे से गांव घुघवा के अंतर्गत आता है जो लगभग डिंडोरी से 70 किलोमीटर दूर स्थित है इसी गांव के नाम पर इस राष्ट्रीय उद्यान का नाम रखा गया है | यह राष्ट्रीय उद्यान लगभग 70 किलोमीटर से भी अधिक क्षेत्रफल पर फैला हुआ है प्राचीन पेड़ पौधे और जड़ी बूटियों के लिए यह राष्ट्रीय उद्यान जाना जाता है | यह राष्ट्रीय उद्यान जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान के रूप में इसीलिए जाना जाता है क्योंकि यहां पर जीवाश्म पेड़ पौधे पाए जाते हैं और जीवाश्म की खोज होती रहती हैं | यहां पर कई जीवाश्म की खोज होने से पता चला है कि करोड़ों वर्षों से यहां पर जीवाश्म में मौजूद हैं | जिम्नोस्पर्म और एंजियोस्पर्म यहां के प्रमुख जीवाश्म में पाए जाते हैं | कहा जाता है कि यहां पर डायनासोर के कई प्रकार के जीवाश्म प्राप्त हुए हैं जिसमें प्रमुख रुप से डायनासोर के अंडों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई थी | समुद्री जीव जंतुओं से जुड़े हुए कई जीवाश्म यहां पर प्राप्त हुए हैं |

❂ कारोपनी प्राकृतिक हिरण पार्क-

डिंडोरी जिले के अंतर्गत आने वाले यह पाक प्रमुख रूप से हिरण के लिए जाना जाता है यहां पर आपको हिरण की कई प्रजातियां देखने को मिल सकती हैं | प्राकृतिक जीव जंतुओं की सुरक्षा के लिए जहां पर कड़ी कार्यवाही के साथ सुरक्षा की जाती है | इस प्राकृतिक हिरण पार्क में आप घूम तो सकते हैं परंतु पूरी सावधानी के साथ क्योंकि सावधानी हटी और दुर्घटना घटी | इस पार्क में घूमने के साथ-साथ आप प्राकृतिक सुंदरता का भी आनंद उठा सकते हैं | यही एक छोटा सा फर्क नहीं है काफी बड़ा उद्यान के रूप में विकसित है जहां पर प्रमुख रूप से हिरण का संरक्षण किया जाता है | पर्यटन के दौरान आप जंगली जानवरों को अथवा पशु पक्षियों को किसी भी प्रकार से खाने वाली सामग्री उनको नहीं खिला सकते यह पूरी तरीके से बंद होता है | यह पार्क अमरकंटक के बिल्कुल सामीप पड़ता है |

यहां पर पास में ही जबलपुर रेलवे स्टेशन है इस रेलवे स्टेशन के माध्यम से आप यहां पर बड़ी आसानी के साथ पहुंच सकते हैं | यदि आप हवाई मार्ग के द्वारा यहां पर पहुंचना चाहते हैं तो आप डुमना हवाई अड्डा के माध्यम से पहुंच सकते हैं |

❂ डिंडोरी का रामगढ़-

डिंडोरी जिले के अंतर्गत आने वाला रामगढ़ एक ऐतिहासिक स्थल है| रामगढ़ के अंतर्गत आप रानी अवंती बाई के महल के कई अवशेष देख पाएंगे यह एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है जोकि बहुत पुराना है | रामगढ़ के पास में ही रानी अवंती बाई का समाधि स्थल मौजूद है | रामगढ़ के बाजू में रानी अवंती बाई की भव्य प्रतिमा को स्थापित कर गई एक बहुत ही सुंदर और आकर्षक पार्क का निर्माण कर दिया गया है | यह पाक इतना विकसित और सुंदर लगता है कि यहां पर ऐसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग आते हैं | लोगों के यहां आने का सबसे बड़ा कारण रानी अवंती बाई की कहानियों को लेकर होता है क्योंकि यहां पर अवंतीबाई की जुड़ी हुई कई कहानियां आपको देखने को मिलती हैं |

❂ रानी अवंती बाई का बलिदान स्थल-

डिंडोरी जिले के अंतर्गत एक छोटा सा गांव आता है जिसे बालपुर के नाम से जाना जाता है | डिंडोरी जिले का बहुत बड़ा क्षेत्र रानी अवंती बाई के अंतर्गत आता था जिस पर भी अपना शासन करती थी | डिंडोरी जिले से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर शाहपुर शहर पड़ता है उसी के निकट एक छोटा सा गांव बालपुर आता है | वर्तमान समय में बालपुर एक बहुत ही प्रसिद्ध और चर्चित पर्यटक स्थल बन चुका है | बालपुर में ही रानी अवंती बाई का बलिदान स्थल मौजूद है | बालपुर के निकट ही रानी अवंती बाई की घोड़े के साथ भव्य प्रतिमा लगाई गई है जोकि बहुत सुंदर और आकर्षक है |

❂ लक्ष्मण मंडप रामघाट-

डिंडोरी जिले के अंतर्गत आने वाला लक्ष्मण मंडप यहां का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है जहां पर हजारों की संख्या में लोग इसे देखने के लिए आते हैं | यह पर्यटक स्थल हिंदू धर्म की आस्था का प्रतीक है क्योंकि यहां पर अयोध्या के प्रसिद्ध राजा दशरथ के पुत्र भगवान श्री राम और लक्ष्मण के वनवास के दौरान यहां ठहरने की पुष्टि की गई है | कई धार्मिक ग्रंथों और कहानियों के अनुसार बताया जाता है कि डिंडोरी जिले की इसी स्थल पर भगवान श्री राम और लक्ष्मण के वनवास के समय कुछ समय का निवास स्थल रहा है | लक्ष्मण मंडप नर्मदा नदी के किनारे पर ही बना हुआ है |

डिंडोरी जिले का GK History in hindi Dindori GK Facts

❂ ऋण मुक्तेश्वर मंदिर-

भगवान शिव के लिए समर्पित यह मंदिर कलचुरी कालीन मंदिर है जो डिंडोरी जिले का प्रसिद्ध और बहुत पुराना मंदिर है | डिडोरी जिले के लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर यह मंदिर स्थित है | कहा जाता है कि इस मंदिर में पूजा करने के बाद प्रत्येक श्रद्धालु की हर मनोकामना पूरी होती है और पित्र ऋण तथा देव ऋण मुक्ति मिलती है | इस मंदिर को कुकर्रामठ के नाम से भी जाना जाता है जो कि जहां का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है | इस मंदिर में पूजा पाठ करने से लोग ऋण से मुक्त हो जाते हैं इसी कारण से से ऋण मुक्तेश्वर मंदिर भी कहा जाता है |

ऋणमुक्तेश्वर मंदिर के बारे में कई कहानियां सुनने को मिलती हैं इतना कहा जाता है कि लोगों के कष्टों को यहां पर भगवान शिव के द्वारा हर लिया जाता है | महाशिवरात्रि के अवसर पर कहा जाता है कि यहां पर हजारों की संख्या में भीड़ इकट्ठी होती है | प्रत्येक अमावस्या को यहां पर लोग भगवान शिव को जल चढ़ाने के लिए आते हैं और उनके दर्शन करते हैं |

भगवान शिव के दरबार में आने वाले प्रत्येक भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है | कहा जाता है कि जिस तरीके से भगवान शिव को भोलेनाथ कहा जाता है तो यह कहीं ना कहीं बिल्कुल सही है क्योंकि भगवान से अपने प्रत्येक के भक्तों के ऊपर दया का आशीर्वाद बनाए रखते हैं |

❂ किकर कुंड मेंहन्द्वानी-

डिंडोरी जिले का यह एक छोटा सा जलप्रपात है कि जलप्रपात के नीचे एक बड़ा सा कुंड है जिससे किकरकुंड के नाम से जाना जाता है | इस कुंड में आप स्नान कर सकते हैं अपने पूरे परिवार के साथ यहां पर पर्यटन का आनंद भी ले सकते हैं | यह तो जलप्रपात का गिरता हुआ पानी मन को आकर्षित करता है |

बरसात के समय में यह जलप्रपात अपना बड़ा रूप ले लेता है क्योंकि पानी ज्यादा मात्रा में पहाड़ों से एकत्रित हो जाता है | कुंड तक जाने के लिए वर्तमान समय में अच्छे रास्ते का निर्माण किया गया है आप अपने पर्सनल वाहन के माध्यम से बिना रुके सीधे कुंड तक पहुंच सकते हैं | यह जलप्रपात जनवरी से लगभग 75 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है| यह झरना पूरे वर्ष भर बहता रहता है इसका कभी भी पानी खाली नहीं होता है|

❂ कपिलधारा जलप्रपात-

डिंडोरी जिले के अंतर्गत नर्मदा नदी पर स्थित कपिलधारा जलप्रपात मध्य प्रदेश का प्रमुख जलप्रपात है | इस जलप्रपात को देखने के लिए और प्राकृतिक सुंदरता को देखने के लिए प्रदेश के बाहर से हजारों की संख्या में लोग आते हैं | कपिलधारा जलप्रपात के बारे में अक्सर लोगों को इंटरनेट के माध्यम से और अन्य किसी संचार के माध्यम से पता चल जाता है | कपिलधारा जलप्रपात कहने के पीछे बहुत बड़ा इतिहास छुपा हुआ है ऐसा कहा जाता है कि यहां पर कपिल मुनि यह द्वारा तपस्या की गई है | यह जलप्रपात डिंडोरी और अमरकंटक की सीमा पर स्थित है |

डिंडोरी जिले का GK History in hindi

कपिलधारा के पास में ही कपिल मुनि का प्रसिद्ध आश्रम है जिसे देखने के लिए लोग भारी मात्रा में जाते हैं | यहां पर यह झरना बहुत ही सुंदर और खूबसूरत लगता है | यहां पर घूमने के लिए सबसे उपयुक्त समय बरसात का समय होता है क्योंकि इस समय आपको बहुत ही हरा भरा जंगल दिखाई देता है और जलप्रपात भी बड़ी मात्रा में देखने को मिलता है |

कपिलधारा जलप्रपात यहां पर प्राचीन समय में कपिल मुनि की कारण इसका नाम प्रसिद्ध हुआ | कपिल मुनि बहुत ही तपस्वी और महान ऋषि हुआ करते थे जो इस स्थल पर तपस्या किया करते थे| प्राचीन काल से ही है स्थल बहुत ही प्रसिद्ध स्थल रहा है |

❂ देवनाला जलप्रपात-

देवनाला जलप्रपात डिंडोरी जिले से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है देवनाला के पास से ही मंडला नेशनल हाईवे गुजरता है| इस जलप्रपात की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि जलप्रपात का गिरता हुआ पानी भगवान शिव की शिवलिंग पर गिरता है इसी कारण से यह जलप्रपात बहुत ही प्रसिद्ध है| जलप्रपात का आकार काफी बड़ा है और यहां पर जो आपको चट्टाने देखने को मिलेंगे वह पूर्ण रुप से भी आकार की देखने को मिलती हैं | देवनाला झरने के साथ-साथ यहां पर आपको बड़ी-बड़ी चट्टानों के बीच बहता हुआ पानी भी छोटे-छोटे झरनों की तरह दिखाई देता है |

यहां तक जाने के लिए वर्तमान में पूरी तरीके से सुंदर सड़क का निर्माण किया गया है जिसके माध्यम से आप अपने पर्सनल वाहन के द्वारा जा सकते हैं | यदि आप किसी अन्य वाहन के माध्यम से जाना चाहते हैं तो भी यहां पर जा सकते हैं | यदि आप ज्यादा दूर से आना चाहते हैं तो आप जबलपुर रेलवे स्टेशन के माध्यम से भी यहां पर पहुंच सकते हैं |

❂ दगोना जलप्रपात-

यह जलप्रपात बहुत ही खूबसूरत और जंगल के बीच स्थित जलप्रपात है | डिंडोरी जिले के अंतर्गत बहने वाली एक छोटी सी नदी बुढनेर नदी के नाम से जाना जाता है उसी नदी पर यह जलप्रपात बना हुआ है | इस नदी के बारे में कहा जाता है कि एक पग के माध्यम से इसे पार किया जा सकता है इसी कारण से इसे दगोना कहा जाता है | यह नदी काफी सकरी एवं छोटी नदी है बहते हुए पानी के कारण मिट्टी के कटाव में भारी कमी आती है |

❂ डिंडोरी का जंगल-

डिंडोरी जिले की बहुत का हिस्सा सतपुड़ा पर्वत के अंतर्गत आता है जिसमें बहुत बड़े भूभाग पर नर्मदा नदी का क्षेत्र आता है | डिंडोरी जिले से ही मध्य प्रदेश की प्रमुख नदी नर्मदा एक बड़े भूभाग पर बहती है | इस नदी के जल का प्रयोग जिले की बहुत ही आवश्यकता की पूर्ति के लिए किया जाता है |

इस जंगल में बहुत के जलप्रपात स्थित हैं जो कि यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक हैं | दोस्तों यदि प्रकृति की सुंदरता देखना है तो आपको इसी स्थल पर जाना होगा यह वह स्थान है जहां पर आप प्रकृति को बड़ी ही करीबी से देख पाएंगे |

नदीनर्मदा
गांव की संख्या927
जलप्रपातदगोना जलप्रपात, देवनाला जलप्रपात, कपिलधारा जलप्रपात,किकर कुंड मेंहन्द्वानी,
भगवान उत्तर का प्रसिद्ध मंदिरकलचुरी कालीन मंदिर
राष्ट्रीय उद्यानजीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान,घुघवा राष्ट्रीय उद्यान
पर्वतसतपुड़ा पर्वत की मैकाल श्रेणी
सीमाछत्तीसगढ़
स्थापनासन 1998 में मंडला जिले के अलग करके
संभागजबलपुर
ऋण मुक्तेश्वर मंदिरपित्र ऋण और देव राणा से मुक्ति के लिए जाना जाता है
लक्ष्मण मंडप घाटनर्मदा नदी के किनारे स्थित
रानी अवंती बाई का बलिदान स्थलडिंडोरी जिले का छोटा सा गांव बालपुर
डिंडोरी का रामगढ़डिंडोरी जिले का प्राचीन ऐतिहासिक स्थल
मुख्य पर्यटक स्थलकारोपनी प्राकृतिक हिरण पार्क
डिंडोरी जिले का GK History in hindi Dindori GK Facts

डिंडोरी जिले का GK History in hindi Dindori GK Facts FAQ’s

↪️ डिंडोरी जिला किस संभाग के अंतर्गत आता है?

डिंडोरी जिला मध्य प्रदेश के जबलपुर संभाग के अंतर्गत आता है|

↪️ डिंडोरी जिले की स्थापना कब हुई?

सन 1998 में डिंडोरी जिले को मंडला जिले से अलग करके बनाया गया |

↪️ डिंडोरी जिले की सीमा किस राज्य से लगती है?

डिंडोरी जिले की सीमा मध्य प्रदेश के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ से लगती है |

↪️ मध्य प्रदेश का सबसे कम जनसंख्या घनत्व वाला जिला कौन सा है?

मध्य प्रदेश का सबसे कम जनसंख्या घनत्व वाला जिला डिंडोरी है|

↪️ मध्य प्रदेश का ऐसा कौन सा जिला है जो सबसे सिंचित जिला माना जाता है?

मध्य प्रदेश का एकमात्र डिंडोरी जिला है सिंचित जिला घोषित किया गया है |

↪️ डिंडोरी जिले का नाम किसने रखा है?

डिंडोरी जिले का नाम वीरांगना अवंती बाई के द्वारा दिया गया था|

↪️ डिंडोरी जिले के अंतर्गत कौन सी पर्वत श्रेणी पाई जाती है?

डिंडोरी जिले के अंतर्गत सतपुड़ा पर्वत की मैकल श्रेणी का विस्तार है |

↪️ मध्य प्रदेश के सबसे ज्यादा जीवाश्म किस जिले में पाए गए हैं?

मध्यप्रदेश में सर्वाधिक जीवाश्म डिंडोरी जिले में पाए गए हैं| यह जीवन में यहां के एक छोटे से गांव पिपरिया के अंतर्गत पाए गए हैं|

↪️ मध्यप्रदेश “जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान” की स्थापना कहां पर की गई है?

मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले में “जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान” की स्थापना की गई है क्योंकि यहां पर भारी मात्रा में जीवाश्म पाए गए हैं |

↪️ मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध “कलचुरी काली मंदिर” किस जिले में है?

मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध” कलचुरी काली मंदिर “डिंडोरी जिले के अंतर्गत आता है यह मंदिर भगवान शिव के लिए समर्पित है |

↪️ मध्य प्रदेश के किस जिले में सर्वाधिक मात्रा में ग्रामीण जनसंख्या देखी जा सकती है?

मध्य प्रदेश का डिंडोरी एकमात्र ऐसा जिला है जहां पर सर्वाधिक मात्रा में ग्रामीण जनसंख्या पाई जाती है लगभग 95.38% |

↪️ डगौना जलप्रपात कहां पर है?

डगौना जलप्रपात मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले में स्थित है|

↪️ डिंडोरी जिले के अंतर्गत कुल कितने गांव हैं?

डिंडोरी जिले में लगभग 927 गांव हैं |

Leave a Comment