जबलपुर जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल-
नमस्कार दोस्तों!
आज एक बार फिर मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के बारे में विस्तार से चर्चा की जाएगी जिसे प्राचीन काल में” त्रिपुरी” के नाम से भी जाना जाता था| जबलपुर जिले को त्रिपुरी क्यों कहा जाता है? इसका नाम त्रिपुरी क्यों ?पड़ा यहां पर कौन-कौन से इंजीनियरिंग कॉलेज स्थापित किए गए हैं ?यहां पर कौन-कौन से पर्यटक स्थल हैं? सभी के बारे में विस्तार से चर्चा की जाएगी | दोस्तों जबलपुर का बहुत सा क्षेत्र संगमरमर का क्षेत्र है जिस कारण से जबलपुर को “संगमरमर की नगरी” के नाम से भी जाना जाता है | संगमरमर के बारे में आज हम आपको विस्तार से बताएंगे कि किस प्रकार का यहां पर पत्थर पाया जाता है और इसका क्या प्रयोग होता है| दोस्तो आपको जानकारी के लिए बता दिया जाए कि नर्मदा नदी के ही बहुत से भाग पर संगमरमर की चट्टानें पाईं जाते हैं इन्हीं चट्टानों को काटकर नर्मदा नदी आगे बढ़ती है |
Table of Contents
जबलपुर जिले के कुछ प्रमुख पर्यटक स्थल और उनका महत्व-
❂ मदन महल किला-
मदन महल किला वर्तमान में जबलपुर जिले का प्रमुख पर्यटक स्थल है भारी मात्रा में लोग इसे देखने के लिए आते हैं | यहां पर घूमने के बाद पता चलता है कि यह किला काफी पुराना और भारी संख्या में शासन करने वाले राजाओं का किला रहा है | जबलपुर जिले की एक ऊंची पहाड़ी पर इसके लिए का निर्माण करवाया गया है किले का निर्माण राजा मदन सिंह के द्वारा करवाया गया था | राजा मदन शाह के नाम पर ही इस किले का नाम रखा गया है| किले का संबंध रानी दुर्गावती से भी है क्योंकि यहां पर रानी दुर्गावती ने भी गोंड राजा से शादी कर इस किले में शासन किया था | इस किले का निर्माण 1116 ईस्वी में करवाया गया था |
जबलपुर जिला
संगमरमर की नगरी | मध्यप्रदेश का जबलपुर जिला |
मदन महल किला | 1116 में निर्मित राजा मदन सिंह के द्वारा |
कचनार सिटी जबलपुर | भगवान शिव की प्रसिद्ध प्रतिमा के लिए चर्चित |
बरगी बांध | नर्मदा नदी पर |
धुआंधार जलप्रपात | नर्मदा नदी पर |
जबलपुर का भेड़ाघाट | जबलपुर जिले का प्रसिद्ध स्थल |
जबलपुर का नाम | जाबालि ऋषि के नाम पर |
त्रिपुरी | जबलपुर का प्राचीन नाम |
मध्य प्रदेश का पहला झंडा सत्याग्रह | 1923 |
मध्य प्रदेश का एकमात्र कृषि विश्वविद्यालय | पंडित जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय 1964 में स्थापित |
अवंती बाई सागर परियोजना | बरगी बांध द्वारा संचालित |
जबलपुर संभाग के कुल जिले | 8. ( जबलपुर, बालाघाट, नरसिंहपुर, कटनी, छिंदवाड़ा, सिवनी डिंडोरी ,नरसिंहपुर ,मंडला ) |
महाकौशल | जबलपुर जिले का क्षेत्र |
मध्य प्रदेश की संस्कारधानी | जिला जबलपुर |
कांग्रेस का सबसे छोटा अधिवेशन | जिला जबलपुर |
एमपी हाई कोर्ट | जिला जबलपुर |
मध्य प्रदेश का मैंगो जिला अथवा आम जिला | जिला जबलपुर |
प्राप्त अभिलेख | रूपनाथ अभिलेख |
बैडमिंटन एसोसिएशन मुख्यालय स्थापना | 1946 |
एकमात्र महिला एनसीसी कॉलेज | जिला जबलपुर |
❂ डुमना रिजर्व पार्क-
यह एक प्रकार से ईकोटूरिज्म के नाम से मशहूर साइट है यहां पर कोई भी व्यक्ति घूम सकता है और पर्यटन का आनंद ले सकता है| यह एक ऐसा पर्यटक स्थल है जहां पर आप को एक साथ वन्य जीव और बांध के साथ-साथ झरना भी मिलते हैं | ग्यारह सौ हेक्टेयर के लगभग क्षेत्र में फैला हुआ यह रिजर्व पार्क बहुत ही सुंदर और आकर्षक है यहां पर जाने का रास्ता एकदम साफ है आप यहां पर अपने वाहन के द्वारा जा सकते हैं |
शेर, हिरण ,भालू, चीता, सांभर आदि सभी प्रकार के जीव जंतु यहां पर प्रमुख रूप से देख सकते हैं | घूमते वक्त हमें बहुत सी सावधानियों को ध्यान में रखना होता है जैसे किसी भी जीव जंतुओं को बहुत दूर से ही देखें और उनसे किसी भी प्रकार का संपर्क ना बनाएं | रिजर्व पार्क में कार्यरत अधिकारियों की पूछताछ के बगैर किसी भी ऐसे स्थल पर नहीं जाना चाहिए जो दुर्घटनाग्रस्त हो | प्राकृतिक रूप से मौजूद जीव जंतुओं को किसी भी प्रकार की खाने पीने वाली वस्तु को नहीं खिला सकता यदि ऐसा करता पाया गया तो उस पर कड़ी कार्रवाई भी हो सकती है|
❂ विशाल शिव मंदिर कचनार सिटी-
जबलपुर के निकट कचनार सिटी के प्रसिद्ध एक पर्यटक स्थल है जहां पर भगवान शिव की प्रसिद्ध और बहुत ऊंची प्रतिमा मौजूद है | भगवान शिव की ऊंची प्रतिमा के कारण कचनार सिटी देश-विदेश में प्रसिद्ध है | भगवान शिव के दर्शन करने के लिए यहां पर लाखों की संख्या में लोगों की भीड़ लगी रहती है सबसे ज्यादा मात्रा में भगवान शिव के भक्त महाशिवरात्रि के शुभ पर्व पर बेलपत्र और जल चढ़ाने के लिए लोग आते हैं |
कचनार सिटी से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर डुमना हवाई अड्डा स्थित है यह सा हवाई अड्डा के माध्यम से आप, यदि दूर से आते हैं तो आपको आने में सुविधा होती है | भगवान शिव की इस मूर्ति को बड़ी ही तकनीकी के माध्यम से बनाया गया है यह मूर्ति उनके चबूतरा पर कुछ इस तरीके से बनाई गई है जैसे कि भगवान से ध्यान मग्न हैं | धार्मिक पुराणों और ग्रंथों में कहा जाता है कि भगवान शिव हजारों वर्ष ध्यान मग्न हुआ करते थे | भगवान शिव के बारे में कई कथा सुनने को मिलती हैं जैसे की शिव पुराण में भगवान शिव के कई रूपों की बड़े रूप में व्याख्या की गई है|
इस मूर्ति का निर्माण पूर्ण रूप से 2005 में हो चुका था परंतु लोगों के लिए 2005 तक पूरी तरीके से दर्शनों के लिए नहीं खोला गया था लेकिन 24 फरवरी 2006 के बाद भगवान शिव के दर्शन करने के लिए यहां के हमेशा के लिए द्वार खोल दिए गए | भगवान शिव की मूर्ति की ऊंचाई लगभग 22 फीट से अधिक है और इस मूर्ति को एक गुफा के ऊपर स्थापित किया गया है | भगवान शिव की जिस विशाल प्रतिमा को गुफा के ऊपर स्थापित किया गया है उसी गुफा के अंदर आपको भगवान शिव के प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंग भी देखने को मिलते हैं जो कि देश के विभिन्न भागों में स्थापित हैं | आप एक साथ यहां पर 12 ज्योतिर्लिंगों को देख सकते हैं |
❂ बरगी बांध Jabalpur
बरगी बांध मध्य प्रदेश का प्रमुख बांध है इस बांध से एकत्रित किए गए जल का प्रयोग बिजली के लिए किया जाता है और साथ ही भारी मात्रा में आसपास की खेती के लिए किया जाता है | नर्मदा नदी पर लगभग 30 से भी अधिक बांधों का निर्माण किया गया है परंतु 30 बांधों में से बरगी बांध नर्मदा नदी का प्रमुख बांध है जो जबलपुर जिले में स्थित है | बरगी बांध के अंतर्गत रानी अवंती बाई सागर प्रोजेक्ट और बरगी डायवर्सन प्रोजेक्ट यहां के प्रमुख प्रोजेक्ट हैं | इन प्रोजेक्टों के माध्यम से आसपास के सभी क्षेत्रों की सिंचाई की व्यवस्था की जाती है जिसमें प्रमुख रुप से प्रयोग होने वाला पानी का अधिकतम प्रयोग रबी की फसल के लिए किया जाता है |

सरकार ने बरगी डैम के अंतर्गत एक रिसॉर्ट का उद्घाटन भी किया है जिसके अंतर्गत बरगी डैम का कुछ हिस्सा आ जाता है वहां से बरगी डैम का नजारा बहुत ही सुंदर लगता है | यहां पर आप अपने पूरे परिवार के साथ पिकनिक टूर पर भी आ सकते हैं और पर्यटन का आनंद भी ले सकते हैं | बोट राइड और फेसिंग वाटर स्कूटर को आप यहां पर प्रमुख रूप से प्रयोग में ले सकते हैं और इंजॉय कर सकते हैं| पानी में घूमने के लिए आपको एक लंबा स्तर देखने को मिलता है यदि आप एक बार पानी में घूमने के लिए निकल जाए तो आप 2 घंटे से पहले नहीं निकल सकते, आपको 2 घंटे से अधिक भी लग जाएगा ,आप पूरा घूम नहीं पाएंगे |
❂ धुआंधार जलप्रपात जबलपुर-
दोस्तों धुआंधार जलप्रपात के नाम से प्रसिद्ध है नर्मदा नदी पर स्थित यह एक ऐसा जलप्रपात है जिसकी ख्याति देश-विदेश में फैली हुई है| धुआंधार जलप्रपात के बारे में हम छोटी कक्षाओं से ही पढ़ते आ रहे हैं कहा जाता है कि यह एक ऐसा जलप्रपात है जिसे देखने के बाद आप इस जलप्रपात की तारीफ किए बिना नहीं रह पाएंगे | नर्मदा नदी के अंतर्गत स्थिति यह जलप्रपात वास्तव में बहुत ही सुंदर और आकर्षक जलप्रपात है यहां पर दीपावली के शुभ अवसर पर लोग इसे देखने के लिए भारी मात्रा में आते हैं |
इस जलप्रपात की ऊंचाई कुछ खास नहीं है लेकिन 10 मीटर से गिरता हुआ पानी यहां पर एक अलग ही नजारा बना देता है | इस जलप्रपात का पानी नर्मदा नदी की प्रसिद्ध चट्टानों से होकर गुजरता है | इस जलप्रपात के कई क्षेत्र आपको ऐसे मिल जाएंगे जहां पर जाना पूरी तरीके से वर्जित होता है | धुआंधार जलप्रपात के बहुत से क्षेत्र ऐसे होते हैं जो दुर्घटनाग्रस्त होते हैं इसीलिए ऐसे स्थल पर जाने से पहले हमें बहुत ही सावधानियों को ध्यान में रखना चाहिए |
जबलपुर जिले का यह एकमात्र ऐसा स्थल है जहां पर नए साल अथवा जनवरी के महीने में लोग हजारों की संख्या में यहां पर पिकनिक मनाने के लिए आते हैं | कोई भी यात्री यदि जबलपुर से गुजरता है तो एक बार धुआंधार जलप्रपात को देखने के लिए जरूर आता है | यह जलप्रपात 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इस जलप्रपात के पास में ही जबलपुर रेलवे स्टेशन स्थित है | धुआंधार जलप्रपात को देखने के बाद वास्तव में प्रकृति इतनी सुंदर होती है कोई भी नहीं सोच सकता यहां पर सबसे सुंदर सर्दियों के मौसम में लगता है क्योंकि सर्दियों के मौसम में यहां पर झरने से पानी तो गिरता ही है लेकिन पानी धुआं की तरह ऊपर भी उड़ता है |
❂ जबलपुर का भेड़ाघाट-
दोस्तों जब भी हम कभी किसी घाट के बारे में सुनते हैं तो हमारे दिमाग में यह प्रश्न जरूर आता है कि यह किसी नदी का तट स्थल है या फिर कोई ऐसा ऐसा स्थल जो पर्यटक महत्व का है | दोस्तों मध्यप्रदेश का जबलपुर जिला एकमात्र ऐसा जिला है जिसे संगमरमर का एक बहुत बड़ा क्षेत्र भी कहा जाता है | वर्तमान में स्थिति तो कुछ इस प्रकार बन रही है कि कुछ लोग जबलपुर कहे या संगमरमर दोनों एक ही समझते हैं | भेड़ाघाट नर्मदा नदी का ही एक स्थल है जहां पर नर्मदा नदी का विशाल पानी संगमरमर की चट्टानों से होकर गुजरता है यहां पर आपको संगमरमर की विशाल कटाने देखने को मिलती हैं |
भेड़ाघाट के बगल में आपको भारी मात्रा में विशाल मैदान देखने को मिलता है और बड़ी-बड़ी चट्टानें भी स्थित हैं | भेड़ाघाट का वातावरण आपको बहुत ही सुंदर और आकर्षक लगेगा क्योंकि यहां पर जाने के बाद कोई भी व्यक्ति आसानी से पूरा घूमने से पहले वापस आने के बारे में नहीं सोचता | भेड़ाघाट जाने के बाद आपको एक अलग ही शांति महसूस होगी क्योंकि यहां पर बहुत ही सुंदर लगता है |
भेड़ाघाट का सबसे सुंदर नजारा सुबह के समय होता है क्योंकि सुबह के समय उगता हुआ सूरज अपनी किरणों को जब इस नदी में प्रवेश कराता है तो पानी में करने जाने के बाद संगमरमर की चट्टानों पर एक अलग ही प्रतिबिम्ब बनता है जो वास्तव में बहुत ही सुंदर लगता है | दोस्तों भेड़ाघाट के बारे में कहा जाता है कि चंद्रमा की किरणें भी यहां पर चांदी की तरह चमकते हैं क्योंकि संगमरमर की सफ़ेद चट्टानों में थोड़ा सा उजाला भी बहुत होता है | संगमरमर की चट्टानों के बीच जो भी व्यक्ति एक बार बोट राइड कर लेता है वह पूरी जिंदगी भर कभी नहीं भूल पाता क्योंकि यहां का आनंद ही कुछ इस तरीके का मिलता है |
भेड़ाघाट के बारे में कहा जाता है कि यह एक ऐसा प्राचीन स्थल है जहां पर महान तपस्वी ऋगु ऋषि तपस्या किया करते थे |

❂ त्रिपुर सुंदरी देवी मंदिर-
जबलपुर जिले के अंतर्गत आने वाला यह मंदिर बहुत ही सुंदर और आकर्षक मंदिर है इस मंदिर को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग यहां पर आते हैं | मां त्रिपुर सुंदरी मंदिर के कारण ही जबलपुर का नाम त्रिपुरी हुआ करता था लेकिन बाद में धीरे-धीरे इसका नाम जबलपुर हो गया | कहा जाता है कि जबलपुर का यह नाम यहां पर प्रसिद्ध तपस्वी ऋषि जाबालि के नाम पर रखा गया है |
❂ मध्य प्रदेश का पहला झंडा सत्याग्रह-
स्वतंत्रता आंदोलन के अंतर्गत आने वाला मध्य प्रदेश का पहला झंडा सत्याग्रह जबलपुर जिले से ही शुरू हुआ था इस सत्याग्रह में जबलपुर के आसपास की सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शामिल हुए थे | यह झंडा सत्याग्रह 1923 में शुरू हुआ था |
❂ तिलवाड़ा घाट-
भीलवाड़ा घाट के नाम से प्रसिद्ध नर्मदा नदी का यह एक प्रसिद्ध स्थल है जहां पर कहा जाता है कि महात्मा गांधी की अस्थियों को विसर्जित किया गया था |
❂ जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय-
मध्य प्रदेश का पहला कृषि विश्वविद्यालय जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर जिले के अंतर्गत ही खोला गया इस कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना सन 1964 में हुई थी |
❂ रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी-
जबलपुर जिला के अंतर्गत रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी के नाम से प्रसिद्ध है यह एक काफी पुरानी यूनिवर्सिटी है | इस यूनिवर्सिटी का नाम रानी दुर्गावती के नाम पर इसीलिए रखा गया क्योंकि यहां पर रानी दुर्गावती ने प्राचीन काल में शासन किया था |
❂ संगमरमर की नगरी-
दोस्तों जबलपुर जिला मध्य प्रदेश का एकमात्र ऐसा जिला है जहां पर सर्वाधिक मात्रा में संगमरमर की चट्टानें पाई जाती हैं | कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश की आगरा जिले में स्थित ताजमहल के निर्माण में संगमरमर की कुछ चट्टानों का प्रयोग जबलपुर से भी ले जाकर किया गया था और कुछ चट्टानों का प्रयोग राजस्थान से लाकर किया गया था |
संगमरमर की चट्टानों का अधिकतर प्रयोग इमारतों के निर्माण में किया जाता है| संगमरमर के पत्थर की यह विशेषता है कि यह कभी खराब नहीं होता है किसी भी इस स्थिति में इसका रंग बदलता नहीं है | यह पत्थर पूरी तरीके से चमकदार होता है देखने में बहुत सुंदर होता है | जबलपुर जिले में सर्वाधिक मात्रा में संगमरमर की चट्टानें होने के कारण जबलपुर जिले को संगमरमर की नगरी कहा जाता है| यहां पर संगमरमर की चट्टानें लगभग 100 फुट की ऊंचाई तक पाई जाती हैं |
❂ टैग्मा मंदिर-
दोस्तों जबलपुर जिले के अंतर्गत आने वाला यह एक ऐतिहासिक मंदिर है इस मंदिर का निर्माण गुप्त काल में किया गया था |
❂ चौसठ योगिनी मंदिर-
भेड़ाघाट के अंतर्गत आने वाला यह मंदिर जबलपुर जिले का प्रसिद्ध मंदिर है इस मंदिर में विराजमान माता के दर्शन करने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती है | चौसठ योगिनी माता का यह मंदिर नर्मदा नदी के किनारे स्थित है | इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि 1808 के समय पिंडलियों के द्वारा लूटपाट करके खंडित कर दिया गया था |

❂ अवंती बाई सागर परियोजना-
जबलपुर जिले के अंतर्गत आने वाली अवंती बाई सागर परियोजना यहां की प्रमुख परियोजना है जिसका निर्माण नर्मदा नदी पर किया गया है | अवंती बाई सागर परियोजना से प्रमुख रूप से सिंचाई के लिए जल का प्रयोग किया जाता है |
Jabalpur GK History in Hindi जबलपुर पर्यटन जीके हिस्ट्री
➤ जबलपुर संभाग के अंतर्गत कितने जिले आते हैं?
जबलपुर संभाग के अंतर्गत कुल मिलाकर 8 जिले आते हैं जिनमें नरसिंहपुर, बालाघाट ,जबलपुर ,कटनी, सिवनी, छिंदवाड़ा, मंडला और डिंडोरी प्रमुख हैं |
➤ क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा संभाग कौनसा है?
क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्य प्रदेश का जबलपुर संभाग सबसे बड़ा संभाग है |
➤ मध्य प्रदेश की संस्कार राजधानी किस जिले को कहा जाता है?
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले को “मध्य प्रदेश की संस्कार राजधानी” कहा जाता है |
➤ त्रिपुरी किस जिले को कहा जाता था?
प्राचीन काल में जबलपुर जिले का पुराना नाम त्रिपुरी हुआ करता था| बाद में धीरे-धीरे कहा जाता है कि यहां पर कभी जाबालि ऋषि के द्वारा तपस्या की गई थी जिसके कारण त्रिपुरी से इसका नाम बदलकर जबलपुर हो गया |
➤ जबलपुर किस शासकों की राजधानी रहा है?
राजपूत काल के समय जबलपुर गोंड राजाओं की राजधानी रहा है जबलपुर की बहुत से क्षेत्रों पर गोड़ शासकों का सर्वाधिक शासन हुआ करता था |
➤ मध्य प्रदेश के किस क्षेत्र को महाकौशल कहा जाता है?
मध्यप्रदेश के जबलपुर वाले क्षेत्रों को महाकौशल के नाम से जाना जाता है |
➤ मध्य प्रदेश के किस जिले को संस्कारधानी के नाम से जाना जाता है?
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले को संस्कारधानी के नाम से जाना जाता है | जबलपुर जिले को संस्कारधानी नाम आजादी के समय पर जो विनोबा भावे के नाम से मशहूर थे उन्होंने दिया था |
➤ जबलपुर को त्रिपुरी क्यों कहा जाता है?
जबलपुर के अंतर्गत त्रिपुरी सुंदरी देवी का बहुत प्रसिद्ध मंदिर स्थित है जिस कारण से जबलपुर को त्रिपुरी के नाम से भी जाना जाता है|
➤ मध्य प्रदेश के किस जिले में रानी अल्हड़ देवी का शिलालेख प्राप्त हुआ था?
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के निकट मध्य प्रदेश में बहने वाली नर्मदा नदी के तट पर रानी अल्हड़ देवी का प्रसिद्ध शिलालेख प्राप्त हुआ था |
➤ मदन महल का निर्माण किसने करवाया था?
मदन महल का निर्माण प्रसिद्ध राजा मदन शाह के द्वारा करवाया गया था | राजा मदन सा गोंड वंश के प्रसिद्ध राजा थे |
➤ रानी दुर्गावती कौन थी?
रानी दुर्गावती चंदेल वंश की राजकुमारी थी इनका विवाह प्रसिद्ध गोंड राजा दलपत शाह के साथ हुआ था |
➤ संग्राम सागर और बाजीराव मठ की स्थापना किसने की?
जबलपुर के निकट सन 1500 ई. के समय प्रसिद्ध राजा संग्राम शाह के द्वारा संग्राम सागर और बाजरा मठ की स्थापना की गई थी|
➤ झंडा सत्याग्रह की शुरुआत कब हुई थी?
1923 में भारत का पहला झंडा सत्याग्रह जबलपुर से ही शुरू हुआ था |
➤ मध्य प्रदेश का कौन सा जिला स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलन का केंद्र रहा है?
मध्यप्रदेश का जबलपुर जिला स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलनों का केंद्र रहा है | जबलपुर के अंतर्गत स्वतंत्रता संग्राम की कई छावनी बनाई गई थी |
➤ कांग्रेस का सबसे छोटा अधिवेशन मध्य प्रदेश के किस जिले में हुआ था?
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में कांग्रेस का सबसे छोटा अधिवेशन आयोजित हुआ था|
➤ मध्य प्रदेश के किस स्थल पर महात्मा गांधी की अस्थियों को विसर्जित किया गया था?
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के तिलवाड़ा घाट में महात्मा गांधी की कुछ अस्थियों को विसर्जित किया गया था|
महात्मा गांधी की कुछ अस्थियों को नर्मदा नदी के किनारे विसर्जन किया गया था और कुछ अस्थियों को साबरमती नदी में विसर्जित किया गया था |

➤ मध्य प्रदेश हाई कोर्ट किस जिले में स्थित है?
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में मध्य प्रदेश का हाई कोर्ट स्थित है जिसे उच्च न्यायालय भी कहा जाता है|
➤ मध्य प्रदेश के किस जिले को मैंगो जिला कहा जाता है?
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले को मैंगो जिला अथवा आम जिला कहा जाता है|
➤ मध्य प्रदेश का कौन सा जिला मध्य प्रदेश का पहला नगर निगम बना था?
मध्यप्रदेश का जबलपुर जिला मध्य प्रदेश का पहला नगर निगम जिला बना था |
➤ मध्य प्रदेश का पहला कृषि विश्वविद्यालय किस जिले में स्थित है?
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में पहला कृषि विश्वविद्यालय स्थित है|
➤ मध्य प्रदेश का पहला इंजीनियरिंग कॉलेज किस जिले में खोला गया था?
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में मध्य प्रदेश का पहला इंजीनियरिंग कॉलेज खोला गया था |
➤ रूप नाथ अभिलेख किस जिले में प्राप्त हुआ था?
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में अशोक का प्रसिद्ध रूपनाथ अभिलेख प्राप्त हुआ था यह अभिलेख विभाजन से पूर्व खोजा गया था |
➤ भारतीय वन अनुसंधान संस्थान मध्य प्रदेश में कहां पर है?
मध्यप्रदेश के जबलपुर में भारतीय वन अनुसंधान संस्थान और ट्रेनिंग सेंटर स्थित है |
➤ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की स्थापना कब हुई?
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की स्थापना 1964 में हुई थी यह विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश का एकमात्र पहला कृषि विश्वविद्यालय है|
➤ मध्य प्रदेश के किस जिले को संगमरमर की नगरी कहा जाता है?
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले को संगमरमर की नगरी कहा जाता है|
➤ मध्य प्रदेश का तीरंदाजी प्रशिक्षण केंद्र किस जिले में खोला गया है ?
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में मध्य प्रदेश का तीरंदाजी प्रशिक्षण केंद्र खोला गया है यह प्रशिक्षण केंद्र हाल ही में खोला गया है |
➤ अकबर की सेना को चुनौती देने वाली एकमात्र महिला शासिका कौन थी
अकबर की सेना को चुनौती देने वाली एक मात्र महिला शासिका रानी दुर्गावती थी जिनका शासन जबलपुर क्षेत्र पर हुआ करता था |
➤ मध्य प्रदेश ताप विद्युत केंद्र का मुख्यालय कहां पर है?
मध्यप्रदेश का ताप विद्युत केंद्र मुख्यालय जबलपुर जिले में स्थित है जिसे शक्ति भवन के नाम से जाना जाता है |
➤ जबलपुर जिले के अंतर्गत कुल कितनी तहसील है आती हैं?
जबलपुर जिले में कुल मिलाकर 7 तहसीलें आते हैं और यहां पर 7 विधानसभा क्षेत्र भी आते हैं |

➤ मध्य प्रदेश बैडमिंटन एसोसिएशन मुख्यालय कहां पर है?
मध्य प्रदेश बैडमिंटन एसोसिएशन मुख्यालय जबलपुर जिले में स्थित है जिसे 1946 में स्थापित किया गया था |
➤ मध्य प्रदेश का महिला एनसीसी कॉलेज कहां पर है?
मध्य प्रदेश का पहला एनसीसी कॉलेज जबलपुर जिले में स्थित है |