Mandla GK History मंडला जीके इतिहास MP GK Series

मंडला जिला के प्रमुख पर्यटक स्थल-

नमस्कार दोस्तों!

आज हम एक बार फिर मध्यप्रदेश के मंडला जिले के बारे में बात करने वाले हैं जो प्राचीन समय से ही आदिवासियों का जिला रहा है मंडला जिले के सर्वाधिक क्षेत्रफल पर वर्तमान समय में भी आदिवासी निवास करते हैं | अगर प्राचीन काल की बात करें तो यहां पर आदिवासियों का बहुत बड़ा गढ़ हुआ करता था और उनमें से कोई एक आदिवासी उन सभी आदिवासियों का “सरदार” हुआ करता था अथवा प्रमुख हुआ करता था |

मंडला जिला जबलपुर संभाग के अंतर्गत आता है आज हम आपको मंडला जिले की विस्तृत जानकारी साक्ष्यों के साथ देंगे | मंडला जिला में सर्वाधिक पर्यटक स्थल तो नहीं है परंतु यह आदिवासियों से भरपूर क्षेत्र है जिसमें हम ऐतिहासिक काल के समय यहां पर आदिवासियों की क्या प्रतिक्रिया रही है प्रमुख रूप से चर्चा करेंगे | मंडला जिले के अंतर्गत आने वाले सभी पर्यटक स्थल जो कि राष्ट्रीय महत्व के है और साथ ही अन्य धर्म से जुड़े हुए सभी मंदिरों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे |

संग्रहालयनेरोगेज संग्रहालय
परियोजनाथावर परियोजना
मध्य प्रदेश का पहला परमाणु बिजली घरजिला मंडला
औद्योगिक केंद्रमनौरी
मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा शनि मंदिरजिला मंडला
अभ्यारणफैन अभ्यारण
कुल गांव1221
नर्मदा नदी का द्वीपजिला मंडला ( तीन तरफ से नर्मदा नदी के द्वारा घेराव)
राष्ट्रीय उद्यानकान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान और फॉसिल राष्ट्रीय उद्यान
कुल तहसीलें9
सर्वाधिक जनजातिगोंड जनजाति
स्थापना25 मई 1998 ( डिंडोरी जिले की सीमा में संशोधन करके )
पर्यटक स्थलराजराजेश्वरी मंदिर, सहस्त्रबाहु मंदिर, दलदली माता मंदिर
किलामंडला का किला
जलप्रपातसहस्त्रधारा जलप्रपात , घूघरा जलप्रपात
चमत्कारी कुंडगर्म पानी का कुंड
बांधथानवार बांध
मोती महल मंडला1651 में निर्मित
अजगर दादर क्षेत्रअजगर सांप के लिए प्रसिद्ध है
आसिफ खां का मकबरा1612 में निर्मित
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मंडला जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल और उनका महत्व-

⚫️ सूरजपुर का हनुमान मंदिर-

मंडला जिले के अंतर्गत सूरजपुर का प्रसिद्ध हनुमान मंदिर यहां का एक धार्मिक मंदिर है | इस मंदिर में भगवान श्री हनुमान जी की मूर्ति विराजमान हैं | इस मंदिर को देखने के लिए प्रतिदिन लोगों की भीड़ लगी रहती है | भगवान श्री हनुमान जी के दरबार में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु की हर मनोकामना पूरी होती है | जिस प्रकार भगवान श्री हनुमान जी को संकट मोचन कहा जाता है ठीक उसी प्रकार से वे अपने भक्तों की हर समस्या को हर लेते हैं |

मंदिर का महत्व-

मंडला जिले के अंतर्गत सूरजपुर का भगवान श्री हनुमान जी का यह एक ऐसा मंदिर है जहां पर महाबली हनुमान जी के प्रत्येक भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है | मंदिर में महाबली हनुमान जी के दर्शन करने के लिए कोई भी दिन खास नहीं होता है परंतु यहां पर सबसे ज्यादा मात्रा में प्रत्येक सप्ताह की मंगलवार को अधिक मात्रा में लोग आते हैं | मंगलवार के अलावा शनिवार को भी यहां पर लोगों का अधिक से अधिक मात्रा में आना -जाना लगा रहता है |

⚫️ शनी मंदिर मंडला-

मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध सबसे बड़ा शनि मंदिर मध्यप्रदेश के मंडला जिले में ही स्थित है | वैसे तो भगवान शनि के दर्शन करने के लिए लोग अक्सर यहां पर किसी भी दिन आते हैं परंतु सबसे ज्यादा मात्रा में शनिवार के दिन ही यहां पर लोग आते हैं | इस मंदिर में माना जाता है कि भगवान शनि को केवल तेल चढ़ाने मात्र से उनके भक्तों की हर मनोकामना पूरी की जाती है |

न्याय के देवता शनि-

दोस्तों आपने कहीं ना कहीं धार में पुराणों और ग्रंथों में अथवा अक्सर लोगों से सुना होगा कि भगवान शनि को न्याय का देवता कहा जाता है | दोस्तों यह सच है कि भगवान शनि को न्याय का देवता कहा जाता है क्योंकि भगवान शनि के दरबार में प्रत्येक व्यक्ति के व्यक्तित्व और व्यवहार को भगवान शनि के द्वारा परीक्षित किया जाता है | भगवान शनि अन्याय के बिल्कुल विरुद्ध होते हैं वह कभी भी किसी का अन्याय नहीं देख सकते | भगवान शनि के किसी भी भक्तों के साथ अगर कभी अन्याय हुआ तो भगवान शनि के दंड के द्वारा वह बच नहीं सकता | भगवान शनि के दरबार में प्रत्येक व्यक्ति का न्याय बराबर किया जाता है उनके दरबार में न्याय को और व्यक्तित्व व्यवहार को तराजू के रूप में तोला जाता है |

मंदिर में भगवान शनि की आपको बहुत ही सुंदर भव्य प्रतिमा देखने को मिलती है जो कि बहुत पुरानी और पत्थर की मूर्ति है | भगवान शनि के अलावा आपको यहां पर हिंदू धर्म के अन्य देवी देवता भी देखने को मिलते हैं |

⚫️ राजा हृदय शाह का महल-

राजा हृदय शाह का महल मंडला जिले के रामनगर नामक स्थल पर स्थित है | राजा हृदय शाह का महल काफी पुराना और ऐतिहासिक महल है यहां पर अक्सर लोग इसे देखने के लिए आते हैं | वर्तमान समय में इस महल का काफी कुछ भाग बर्बाद हो चुका है क्योंकि इसकी देखरेख और सुरक्षा नहीं की जा रही है | आप यहां पर हृदय शाह के बारे में जान सकते हैं जो कि एक गोंड राजा थे | राजा हृदय शाह का महल मंडला जिले के रामनगर तहसील के अंतर्गत आता है|

⚫️बघेलिन महल-

मंडला जिले का यह एक प्रमुख पर्यटक स्थल है यहां पर आप किसी भी समय अपने पूरे परिवार के साथ यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं | यह महल मंडला जिले की एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है पहाड़ी के ऊपर से नीचे का नजारा एकदम सुंदर लगता है | पहाड़ी के इस महल पर सबसे ज्यादा आनंद बरसात के समय में आता है क्योंकि यहां पर एकदम हरा-भरा और कई झरने दिखाई देते हैं |

⚫️ आसिफ खां का मकबरा-

दोस्तों मिर्जा जफर बेग को ही आसिफ खां की उपाधि दी गई थी मंडला जिले में रहकर आसिफ खां मंडला की राजाओं से कर वसूल करके दिल्ली भेजने का काम किया करते थे | यह मकबरा 1612 ईसवी के समय का है | खां की मृत्यु 1612 के समय हो चुकी थी उनके पुत्र मिर्जा अली असगर के द्वारा एक प्रसिद्ध इमारत का निर्माण किया गया है | आसिफ खां के मकबरे को आज वर्तमान समय में खंडहर के रूप में देखा जा सकता है क्योंकि इसकी सुरक्षा और देखरेख में बहुत साल से ध्यान नहीं दिया गया है | इस प्राचीन इमारत में आपको आसिफ खां की एक कब्र देखने को मिलेगी | दोस्तों यह इमारत जबलपुर मंडला रोड के समीप स्थित है जिस कारण से आने जाने में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होती है |

⚫️ घूघरा जलप्रपात-

मंडला जिले का यह जलप्रपात एक छोटा सा जलप्रपात है परंतु यहां पर बहुत ही सुंदर और आकर्षक लगता है | यहां पर जाने के बाद आपका मन एकदम झूम उठता है क्योंकि प्रकृति यहां पर बहुत ही सुंदर रूप में दिखाई देती है | यह जलप्रपात पत्थरों से टकराता हुआ काफी ऊंचाई से नीचे की तरफ गिरता है| गिरता हुआ पानी यहां पर एकदम दूध की तरह दिखाई देता है | इस जलप्रपात को देखने के लिए आप डायरेक्ट जलप्रपात तक किसी वाहन के माध्यम से नहीं जा सकते | जलप्रपात तक जाने का रास्ता थोड़ी दुर्गम और कठिन है जिस कारण से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी के जलप्रपात तक पैदल ही जाना पड़ता है |

⚫️ अजगर दादर क्षेत्र –

दोस्तों मंडला जिले का यह एक ऐसा पर्यटक स्थल है जहां पर आप प्रमुख रूप से अजगर को देख सकते हैं | अजगर एक सांप की प्रजाति है जो कि काफी विशाल और बड़ी होती है | दोस्तों अगर में जहर तो नहीं होता परंतु यह अगर किसी को निगल जाए तो उसके प्राण बचना मुश्किल होता है | अजगर अपने से 2 गुना मोटे जानवर को निगल जाता है | मध्यप्रदेश के मंडला जिले में एक अंजनिया जंगल मौजूद है जो कि लगभग 2 किलोमीटर से अधिक के क्षेत्रफल पर फैला हुआ है | अंजनिया जंगल के अंतर्गत ही आपको भारी मात्रा में अजगर देखने को मिलते हैं | इस जंगल में काफी मात्रा में आपको गुफाएं और चट्टानें देखने को मिलती हैं इसी गुफाओं के अंतर्गत इन अजगरों का निवास होता है | गर्मियों के समय में तो आपको यहां पर अजगर बहुत ही कम मात्रा में देखने को मिलते हैं परंतु सर्दियों के समय में बड़ी-बड़ी चट्टानों के पासअक्सर बैठे रहते हैं |

⚫️ काला पहाड़ पर्यटक स्थल –

मंडला जिले का यह एक छोटा सा पर्यटक स्थल है जो कि ज्यादा विकसित और चर्चित पर्यटक स्थल नहीं है परंतु यहां पर आपको सर्दियों के समय में बहुत अच्छा लगेगा | यहां पर आपको अधिक मात्रा में काले पत्थर देखने को मिलेंगे एक पहाड़ के अंतर्गत अधिक मात्रा में काले पत्थर होने के कारण इस पहाड़ को काला पहाड़ कहा जाने लगा | सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको यहां पर अष्टकोण है काले पत्थर देखने को मिलते हैं | यह पर्यटक स्थल मंडला जिले की रामनगर तहसील के अंतर्गत आता है |

⚫️ मोती महल मंडला-

इस मंडल का निर्माण लगभग 1651 के आसपास किया गया था | वर्तमान समय में यह मंदिर काफी पुराना और खंडहर हो चुका है क्योंकि इसकी सुरक्षा में पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के द्वारा लापरवाही की गलती की गई है | इस महल के सामने भगवान भोलेनाथ का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है जहां पर भगवान भोलेनाथ की शिवलिंग विराजमान है यहां पर हजारों लोग भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए आते हैं |

यह महल मंडला जिले की रामनगर तहसील के निकट स्थित है और इस महल के किनारे पर ही नर्मदा नदी बहती है | यह महल काफी पुराना और बड़ी ही खूबसूरती के साथ बनाया गया था जिस कारण से यह वर्तमान में भी बहुत सुंदर लगता है | इस महल में गोंड राजा हृदय शाह का रहना खाना अथवा निवास हुआ करता था | महल के अंदर ही आपको एक छोटा सा कुंड देखने को मिलता है जो बरसात के मौसम में भरा रहता है | यह पर्यटक स्थल काफी पुराना और ऐतिहासिक है अक्सर यहां पर लोग इसकी प्राचीनता देखने के लिए आते रहते हैं |

⚫️ थानवार बांध मंडला-

मंडला जिले के अंतर्गत यह एक ऐसा पर्यटक स्थल है जहां पर बरसात के समय में ही बहुत अच्छा लगता है | बरसात के समय में यहां पर सबसे ज्यादा पानी देखने को मिलता है और इस बांध के गेट खोल दिए जाते हैं | यहां पर सुबह के समय में बहुत अच्छा लगता है क्योंकि उगता हुआ सूरज यहां पर जब दिखाई देता है तो मन को आनंदित कर देता है | आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं और अच्छा समय बिता सकते हैं | बरसात के समय में आपको यहां पर भर भर आती हुई आवाज सुनाई देती है क्योंकि बरसात के समय में बांध के गेट खोल दिए जाते हैं जिस कारण से ऊंचाई से गिरता हुआ पानी ऐसी आवाज करता है | बरसात के समय में आप अपने पूरे परिवार के साथ यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं | यह बांध मंडला जिले की नैनपुर तहसील के अंतर्गत आता है |

⚫️ दलदली माता का मंदिर-

दलदली माता के नाम से प्रसिद्ध यहां पर एक देवी दुर्गा का प्रसिद्ध मंदिर है जिसे दलदली माता के मंदिर के नाम से जाना जाता है | यहां पर एक छोटा सा दलदल कि जैसा तालाब स्थित है और इसी तालाब के नजदीकी यह माता का मंदिर स्थित है दलदल के तालाब होने के कारण यहां पर स्थित माता का नाम दलदली माता हो गया | इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि माता के दरबार में आने वाले प्रत्येक के श्रद्धालु की हर मनोकामना पूरी की जाती है | मंडला जिले का यह एक प्रसिद्ध और काफी पुराना मंदिर है इस मंदिर के अंदर आपको पत्थर की एक छोटी सी मूर्ति दिखाई देती है | दलदली माता का यह मंदिर मंडला जिले की नैनपुर तहसील के अंतर्गत आता है |

प्रत्येक वर्ष इस मंदिर के आसपास के एक बड़े भूभाग पर दीपावली के शुभ अवसर पर भारी मात्रा में भव्य मेले का आयोजन किया जाता है इस मेले में हजारों की संख्या में लोग एकत्रित होते हैं | नैनपुर तहसील के अंतर्गत कई धार्मिक मंदिर मौजूद हैं लोग मेला में आने के साथ-साथ इन मंदिरों के दर्शन भी करते हैं |

⚫️ नैरोगेज संग्रहालय-

मंडला जिले के अंतर्गत आने वाली नैनपुर तहसील के समीप ही नैनपुर रेलवे स्टेशन स्थित है इसी रेलवे स्टेशन के पास में नैरोगेज संग्रहालय मौजूद है | आपको यहां पर एक प्रकार की रेलें देखने को मिलती हैं जो काफी पुरानी है| आप यहां पर किसी भी समय घूमने के लिए आ सकते हैं | मंडला जिले का यह एक प्रमुख पर्यटक स्थल है जिसे देखने के लिए प्रतिदिन कोई ना कोई आता रहता है | संग्रहालय के बाहर पार्किंग की व्यवस्था है जहां पर आप अपना वाहन पार्क कर सकते हैं

⚫️ गर्म पानी का कुंड-

मंडला जिले का यह एक ऐसा पर्यटक स्थल है जिसे चमत्कारी पर्यटक स्थल के नाम से जाना जाता है क्योंकि यहां पर आपको इस कुंड में चमत्कार देखने को मिलता है | कई पौराणिक कथाओं के अनुसार और यहां के स्थानीय निवासी लोगों के द्वारा बताया जाता है कि इस पानी में चमत्कारी गुण विद्यमान हैं | दोस्तों कई बार हमें ऐसे धार्मिक स्थल मिलते हैं जहां पर हम अपनी बीमारियों को पल भर में ठीक करा सकते हैं परंतु हमें ऐसे पर्यटक स्थल पर और वहां पर विद मन देवी-देवताओं पर भरोसा करना चाहिए | दोस्तों यह सत्य है कि किसी भी बीमारी को ठीक करने के लिए डॉक्टर की जरूरत पड़ती है परंतु कभी-कभी यह आश्चर्य वाली बात हो जाती है कि केवल दर्शन मात्र से अथवा किसी अन्य प्रतिक्रिया के द्वारा किसी रोग को जड़ से ठीक किया जा सकता है |

⚫️ कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान- Mandla GK History

दोस्तों कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान एक बहुत बड़े भूभाग पर फैला हुआ राष्ट्रीय उद्यान है इस राष्ट्रीय उद्यान का कुछ भाग मंडला जिले के अंतर्गत आता है और कुछ भाग बालाघाट जिले के अंतर्गत आता है | कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत आपको तरह तरह के जीव जंतु और झरने देखने को मिलते हैं | यहां पर आपको प्रमुख रूप से शेर ,चीता, बाघ ,भालू ,हरियाणा ,जंगली पशु ,मोर और तरह-तरह की कई पशु पक्षी देखने को मिलते हैं | इस राष्ट्रीय उद्यान को घूमने के लिए आपको राष्ट्रीय उद्यान के कर्मचारियों के द्वारा दी गई सलाह के अनुसार ही जाना चाहिए | किस राष्ट्रीय उद्यान में जाने के बाद बहुत ही सावधानियों को ध्यान में रखना होता है क्योंकि यहां पर दुर्घटना से भरे हुए क्षेत्र देखने को मिलते हैं |

कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान- Mandla GK History

⚫️ सहस्त्रबाहु मंदिर –

मध्य प्रदेश के मंडला जिले में यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जो नर्मदा नदी के बीच में बना हुआ है | नर्मदा नदी के अंदर बने हुए इस मंदिर तक जाने के लिए एक पुल का निर्माण किया गया है जिसके माध्यम से इस मंदिर तक पहुंचा जा सकता है | सहस्त्रबाहु मंदिर में भगवान शिव विराजमान हैं इस मंदिर में सबसे ज्यादा मात्रा में लोग गर्मियों के समय में आते हैं क्योंकि यहां पर गर्मियों में नर्मदा का बहाव कम हो जाता है | यह एक धार्मिक मंदिर है भगवान शिव के भक्तों की यहां पर हमेशा भीड़ लगी रही है |

⚫️ मंडला का किला-

दोस्तों यह एक ऐतिहासिक किला है जो वर्तमान समय में एक खंडहर के रूप में देखा जा सकता है | यह किला एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ यहां पर आप किसी भी समय घूमने के लिए आ सकते हैं |

⚫️ सहस्त्रधारा जलप्रपात मंडला-

सहस्त्रधारा जलप्रपात मंडला जिले की सबसे सुंदर जगह है जहां पर घूमने के लिए सबसे अधिक मात्रा में लोग आते हैं | यह जलप्रपात मंडला जिले का ऐसा जलप्रपात है जो देखने में बेहद खूबसूरत और आकर्षक लगता है | मंडला जिले के अंतर्गत बहने वाली नर्मदा नदी पर यह जलप्रपात बना हुआ है काफी दुर्गम रास्ते और कठिन मार्ग के द्वारा यहां तक पहुंचा जा सकता है | जलप्रपात के अंत तक वाहन ले जाना बहुत मुश्किल है क्योंकि यह एक पहाड़ी एरिया है | इस जलप्रपात के के नीचे एक बड़ा सा कुंड है जहां पर आप स्नान कर सकते हैं | सहस्त्रधारा जलप्रपात इस जलप्रपात को इसीलिए कहा जाता है क्योंकि यहां पर बहने वाली नर्मदा नदी पहाड़ों से होकर कई कठिन मार्ग के द्वारा विभाजित हो जाती है बाद में सभी छोटी छोटी नदियां मिलकर उसी एक नदी का निर्माण करती है | नर्मदा नदी का कई भागों में विभाजित होने के कारण ऐसे जलप्रपात को सहस्त्रधारा जलप्रपात के नाम से जाना जाता है |

 सहस्त्रधारा जलप्रपात मंडला-

⚫️ राजराजेश्वरी मंदिर –

मंडला जिले के अंतर्गत राजराजेश्वरी माता का मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध और चर्चित मंदिर है क्योंकि यह एक धार्मिक मंदिर भी है | मंडला जिला गोंड जनजाति के लिए अधिक मात्रा में जाना जाता है कहा जाता है कि राज राजेश्वरी माता गोंड जनजाति की कुलदेवी हैं |

Mandla GK History Tourist Places in hindi

मंडला जिले से जुड़े हुए महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके जवाब FAQ’s

↔️ मंडला जिले की स्थापना कब हुई अथवा मंडला जिले को कब बनाया गया?

मंडला जिला 25 मई 1998 को मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले की सीमाओं में संशोधन करके एक नया जिला बनाया गया |

↔️ मंडला जिले में कौन सी नदी बहती है?

मंडला जिले में सर्वाधिक मात्रा में नर्मदा नदी बहती है जो रीवा जिला और मंडला जिला की सीमा साझा करती है | नर्मदा नदी मंडला जिले को तीन तरफ से घेरे हुए है |

↔️ मंडला जिले में सर्वाधिक मात्रा में कौन सी जनजाति निवास करती है?

मंडला जिले के अंतर्गत सर्वाधिक मात्रा में गोंड जनजाति निवास करती है |

↔️ मंडला जिले के अंतर्गत कितनी तहसीले हैं?

मंडला जिले में कुल मिलाकर 9 तहसीलें आती हैं |

↔️ मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा आरक्षित वन वृत्त किस जिले का है?

मध्यप्रदेश के मंडला जिले के अंतर्गत सबसे बड़ा आरक्षित वन मौजूद है |

↔️ मंडला जिले में कितने राष्ट्रीय उद्यान है?

मंडला जिले के अंतर्गत दो राष्ट्रीय उद्यान आते हैं जिसमें पहला राष्ट्रीय उद्यान कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान है और दूसरा राष्ट्रीय उद्यान फॉसिल राष्ट्रीय उद्यान है, जिसे जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान भी कहते हैं |

↔️ बघेलिन महल मध्य प्रदेश के किस जिले में स्थित है?

बघेलिन महल मध्य प्रदेश के मंडला जिले में स्थित है यह महल काफी पुराना और ऐतिहासिक महल है |

↔️ मध्य प्रदेश के किस जिले को नर्मदा नदी का द्वीप कहा जाता है?

मध्यप्रदेश के मंडला जिले को नर्मदा नदी का द्वीप कहा जाता है |नर्मदा नदी का द्वीप कहे जाने के पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि यह जिला नर्मदा नदी से तीन तरफ से घिरा हुआ है |

↔️ मंडला जिले के अंतर्गत कुल कितने गांव हैं?

मंडला जिले में कुल मिलाकर 1221 गांव हैं |

↔️ मध्य प्रदेश के किस जिले में गर्म पानी का कुंड स्थित है?

मध्यप्रदेश के मंडला जिले में गर्म पानी का कुंड स्थित है यह कुंड मंडला जिले के सूरजपुर नामक स्थान में स्थित है |

↔️ रानी अवंती बाई का घर किस जिले में था?

रानी अवंती बाई का घर मंडला जिले में हुआ करता था और उनका शासन मंडला जिले के कई क्षेत्रों में हुआ करता था | रानी अवंती बाई ने दमोह से वाली क्षेत्र पर भी शासन किया है |

↔️ फैन अभ्यारण मध्य प्रदेश के किस जिले में है?

फैन अभ्यारण मध्य प्रदेश के मंडला जिले में स्थित है |

↔️ मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा शनि मंदिर किस जिले में है?

मध्यप्रदेश के मंडला जिले में मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा शनि मंदिर स्थित है |

↔️ राजा हृदय शाह का महल मध्य प्रदेश के किस जिले में है?

राजा हृदय शाह का महल मध्य प्रदेश के मंडला जिले में स्थित है यह किला मंडला जिले के रामनगर क्षेत्र के अंतर्गत आता है |

↔️ मंडला जिले का औद्योगिक केंद्र कौन सा है?

मंडला जिले का सबसे प्रसिद्ध औद्योगिक केंद्र मनौरी है |

↔️ मध्य प्रदेश का पहला परमाणु बिजलीघर किस जिले में बनाया जा रहा है?

मध्यप्रदेश के मंडला जिले में प्रदेश का पहला परमाणु बिजली घर बनाया जा रहा है |

↔️ थावर परियोजना किस जिले की है?

थावर परियोजना मंडला जिले के अंतर्गत आती है |

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