नरसिंहपुर जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल-
हेलो दोस्तों!
चलिए ,तो आज बात करते हैं मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के बारे में जो कि मध्य प्रदेश के जबलपुर संभाग के अंतर्गत आता है जिसे संगमरमर का क्षेत्र भी कहा जाता है | दोस्तों जबलपुर संभाग के आसपास का सभी क्षेत्र संगमरमर की चट्टानों से भरा पड़ा है कहा जाता है कि यहां से संगमरमर की पत्थरों को विदेशो तक के लिए एक्सपोर्ट किया जाता है | दोस्तों आज हम नरसिंहपुर जिले के बारे में विस्तार से चर्चा करने वाले हैं यहां पर आने वाले सभी पर्यटक स्थलों की जानकारी आपके सम्मुख पेश की जाएगी | यहां पर पाए जाने वाले सभी नेशनल पार्क और ऐतिहासिक इमारतें जो कि राष्ट्रीय महत्त्व के हैं उनकी विस्तृत जानकारी दी जाएगी |

Table of Contents
नरसिंहपुर जिले के कुछ प्रमुख पर्यटक स्थल और उनका विशेष महत्व-
🌗 घोघर नाथ जलप्रपात-
दोस्तों इस जलप्रपात के बारे में जितना कहा जाए उतना कम है ,क्योंकि यह जलप्रपात जंगल के बीच में बीच पहाड़ों से कुछ इस प्रकार से गिरता है जैसे मानो पूरी प्रकृति यहीं पर दिखाई देती हो| दोस्तों कहा जाता है कि प्रकृति इतनी सुंदर है जितना उसको सोचा जाता है | कहा जाता है कि यदि प्रकृति की सुंदरता के बारे में कोई किताब लिखी जाएगी तो कई किताबें कम पड़ जाएंगे हजारों करोड़ों शब्द भी प्रकृति की सुंदरता के लिए कम पड़ जाएंगे | दोस्तों प्रकृति इतनी सुंदर होती है कि यदि आप क्रोधित भी हैं आप परेशान हैं किसी भी तरीके से आपकी जिंदगी में कुछ अच्छा नहीं चल रहा और आप कहीं घूमने निकल जाएं जहां पर प्रकृति बहुत अच्छी सुंदरता के साथ दिखाई देती हो| ऐसे स्थान पर जाने के बाद आपके मन को एक अलग ही अनुभूति प्राप्त होती है मन बहुत ही अंदर से शांत होता है और मन को बहुत सुकून मिलता है |
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दोस्तो नरसिंहपुर जिले का यह झरना भी कुछ इस तरीके का है की ऊंचाई से गिरता हुआ पानी यहां पर बहुत सुंदर लगता है यहां पर आप अपनी पूरे परिवार के साथ भी जा सकते हैं | जलप्रपात के नीचे बड़ा सा कुंडा दिखाई देता है जहां पर आप तैर सकते हैं और स्नान कर सकते हैं | दोस्तों यदि आप नरसिंहपुर जिले के किसी भी पर्यटक स्थल के घूमने की बात करेंगे तो यह झरना उन स्थानों में जरूर शामिल होता है क्योंकि वास्तव में यह बहुत ही सुंदर और आकर्षक लगता है | ज्यादातर लोग यहां पर जनवरी के महीने में आते हैं क्योंकि जनवरी के महीने में अक्सर लोग पिकनिक टूर पर निकल जाते हैं | पिकनिक मनाने के लिए यह स्थान एकदम उपयुक्त होता है इस कारण से यहां पर सबसे अधिक संख्या में लोग एकत्रित होते हैं | यहां पर बहता हुआ पत्थरों के साथ कल कल की आवाज करता हुआ पानी लोगों के कानों में बिल्कुल उत्तराखंड की नदियों की तरह सुनाई देता है | इस झरने का बहाव सबसे ज्यादा बरसात के समय होता है क्योंकि बरसात के समय पानी ज्यादा मात्रा में पहाड़ों से एकत्रित होता है |
🌗 सिद्धेश्वर दुर्गा मंदिर नरसिंहपुर- Siddheshwar Durga Temple Narsinghpur
दोस्तों माता रानी का यह मंदिर यहां की आस्था और धर्म का प्रतीक है यहां पर लोग माता के दर्शन करने के लिए प्रतिदिन आते हैं | कहा जाता है कि सिद्धेश्वर दुर्गा मंदिर में एक बार आने के बाद लोग यहां पर बार-बार आते हैं क्योंकि यह मंदिर बहुत ही आकर्षक और लोगों के मन को भाने वाला मंदिर है | सिद्धेश्वर दुर्गा मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां पर लोगों की बांझपन जैसी समस्या को माता के एक आशीर्वाद से चुटकियों में दूर किया जाता है | माता के दरबार में संतान की प्राप्ति की अर्जी लेकर आए हुए व्यक्ति यहां पर सबसे ज्यादा मात्रा में आते हैं | संतान की प्राप्ति की अर्जी लेकर आए हुए व्यक्ति यहां से कभी खाली नहीं जाते माता का आशीर्वाद उन्हें हमेशा मिलता है |
लोगों की इच्छा पूर्ति होने के बाद माता के दरबार में लोग नवरात्रि के समय अपनी श्रद्धा पूर्वक त्रिशूल चढ़ाने के लिए आते हैं और माता के दरबार में भव्य कन्या भोज का आयोजन भी करते हैं | नवरात्रि के समय लोग यहां पर माता के दरबार में पताका चढ़ाने के लिए आते हैं और माता के दर्शन करते हैं | यह मंदिर नरसिंहपुर की एक छोटी सी पहाड़ी पर बना हुआ है जहां से नीचे का देखने का नजारा बहुत ही सुंदर और आकर्षक लगता है | मंदिर की ऊंचाई तक जाने के लिए सीड़ियों की व्यवस्था की गई है |
🌗 नरसिंहपुर का गणेश मंदिर-
दोस्तों मध्य प्रदेश का ऐसा कोई भी जिला नहीं होगा जहां पर भगवान श्री गणेश की प्रतिमा नहीं होगी परंतु नरसिंहपुर जिले में स्थित गणेश मंदिर वास्तव में बहुत ही अद्वितीय मंदिर है | जिस तरीके से हम इंदौर के बड़े गणेश मंदिर के बारे में कई कथाएं सुनते हैं ठीक उसी तरीके से नरसिंहपुर के गणेश मंदिर के बारे में भी कई कथाएं सुनने को मिलती हैं |
भगवान गणेश मंदिर में भगवान श्री गणेश की भव्य प्रतिमा को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है और उनकी प्रतिमा के अलावा यहां पर आपको माता पार्वती और देवा दी देव महादेव की शिवलिंग को प्रमुख रूप से देखा जा सकता है | यह मंदिर नरसिंहपुर जिले का एकमात्र ऐसा मंदिर है जो कि नरसिंहपुर जिले के बीच में मैच पड़ता है | इस मंदिर तक जाने के लिए आप अपने पर्सनल वाहन का भी प्रयोग कर सकते हैं और अन्य किसी वाहन का भी प्रयोग कर सकते हैं | दोस्तों जैसा कि हम कई पुराणों और कथाओं में सुनते हैं भगवान श्री गणेश को लड्डू बहुत पसंद होते हैं ठीक उसी तरीके से यहां पर सबसे अधिक मात्रा में भगवान श्री गणेश के भक्तों के द्वारा उनके मंदिर में भारी मात्रा में लड्डू का प्रसाद चढ़ाया जाता है |
Ganesh temple of Narsinghpur-
जिस तरीके से भगवान श्री गणेश को कष्ट निवारक विघ्नहर्ता कहा जाता है ठीक उसी तरीके से उनके भक्तों की हर समस्या को भगवान श्री गणेश के द्वारा चुटकियों में दूर कर दिया जाता है | भगवान श्री गणेश के दरबार में आने वाला कोई भी श्रद्धालु कभी भी खाली नहीं जाता और ना ही भगवान श्री गणेश के द्वारा उनको निराश किया जाता है | गणेश चतुर्थी के समय यहां पर कई प्रकार के आयोजन होते हैं जिनमें आसपास के सभी निवासी शामिल होते हैं और अन्य प्रदेश से भी लोग यहां पर भगवान श्री गणेश के दर्शन करने के लिए आते हैं |
🌗 नरसिंहपुर का काकरा घाट-
नरसिंहपुर के अंतर्गत नर्मदा नदी के किनारे पर बना हुआ यह घाट बहुत ही सुंदर पर्यटक स्थल है | इस घाट के आसपास आपको हिंदू धर्म के देवी-देवताओं के कई मंदिर देखने को मिलते हैं | इस घाट के पास में आप मान नर्मदा का सुंदर नजारा देख सकते हैं जोकि कल कल की आवाज से बहता हुआ पानी लोगों को बहुत अच्छा लगता है| काकरा घाट के पास में ही भगवान शिव का एक छोटा सा मंदिर देखने को मिलता है जिसमें भगवान शिव की प्राचीन शिवलिंग स्थापित है | नदी में स्नान करने के बाद लोग भगवान शिव के दर्शन करने के लिए इस मंदिर में अक्सर आते हैं |

🌗 मां नर्मदा मंदिर नरसिंहपुर-
नरसिंहपुर जिले का मां नर्मदा मंदिर यहां की आस्था का केंद्र है जहां पर आसपास के सभी निवासी लोग मां नर्मदा के दर्शन करने के लिए जाते हैं | नरसिंहपुर का यह मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध और चर्चित मंदिर है जहां पर प्रदेश के बाहर से आए हुए लोग भी दर्शन करने के लिए जाते हैं |
🌗 नरसिंहपुर का गौरी शंकर दुबे पार्क-
नरसिंहपुर जिले के अंतर्गत गौरी शंकर दुबे पार्क यहां का बहुत ही सुंदर पार्क है जहां पर आप बैठ सकते हैं घूम सकते हैं अपना कीमती समय बिता सकते हैं | यहां पर जाने के लिए आप कार टैक्सी का भी प्रयोग कर सकते हैं और अपने वाहन के द्वारा जाना चाहते हैं तो आप अपने वाहन को भी ले जा सकते हैं | पार्क के बाहर वाहन की फागन की पूरी व्यवस्था है जहां पर आप अपना वाहन रख सकते हैं|
🌗 नरसिंहपुर का राम मंदिर-
नरसिंहपुर के अंतर्गत भगवान श्री राम के लिए समर्पित यह मंदिर हिंदू धर्म की आस्था का केंद्र है जहां पर रामनवमी की समय भव्य रैली का आयोजन होता है | इस आयोजन में आसपास के सभी निवासी लोग हजारों की संख्या में भाग लेते हैं और हिंदू धर्म के इस त्यौहार को बड़ी धूम-धाम से मनाते हैं |
🌗 सतधारा नरसिंहपुर-
नरसिंहपुर जिले के अंतर्गत एक बहुत ही प्रसिद्ध स्थल आता है जिसे बरमान घाट के नाम से जाना जाता है इसी घाट के पास में नर्मदा नदी अपने साथ रूपयों के लिए जानी जाती है जिसे सतधारा के नाम से पुकारा जाता है | यहां पर आपको नर्मदा नदी का जलस्तर धाराओं के रूप में देखने को मिलता है जो कि वास्तव में बहुत ही अद्वितीय है | आप कहीं पर भी किसी भी पर्यटक स्थल के लिए घूमने के लिए जाते हैं तो आपको ऐसा नजारा वहां पर कभी नहीं मिलता |
नर्मदा नदी का बहता हुआ जल यहां पर बहुत ही सुंदर लगता है क्योंकि यह जल छोटे बड़े पत्थरों के बीच कल कल की आवाज करता हुआ आगे बढ़ता है | सुबह के समय कोमल धूप के साथ यहां पर घूमने में बहुत अच्छा लगता है | अगर प्रकृति का आनंद लेना है तो हमें सुबह के समय ही ऐसे स्थल पर जाकर घूमना चाहिए | सुबह के समय उगता हुआ सूरज यहां पर बहुत अच्छा लगता | यह मंदिर बहुत ही सुंदर लगता है जहां पर लोग अक्सर घूमने आते रहते हैं यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बन चुका है |
🌗 नरसिंहपुर का सूरजकुंड-
नरसिंहपुर जिले के अंतर्गत एक छोटा सा स्थल आता है जिसे सूरजपुर के नाम से जाना जाता है उसी के पास है यह विशाल कुंड स्थित है | यह कुंड इतना विशाल है कि यहां पर एक से अधिक लोग एक साथ डुबकी लगा सकते हैं | दोस्तो नरसिंहपुर जिले के अंतर्गत एक धार्मिक स्थल बरमान घाट पाया जाता है और इसी घाट के आसपास सभी पर्यटक स्थल मौजूद हैं | नरसिंहपुर का सूरजकुंड भी बरमान घाट की बिल्कुल समीप पड़ता है | यहां पर आप अपने पूरे परिवार के साथ भी पर्यटन का आनंद लेने के लिए जा सकते हैं |
🌗 बरमान घाट नरसिंहपुर-
दोस्तों जैसा कि हमने आपको बताया बरमान घाट नरसिंहपुर जिले का एक ऐसा पर्यटक स्थल है जिसके आस पास भी इसकी अधिक पर्यटक स्थल मौजूद हैं | दोस्तों बरमान घाट नर्मदा नदी के किनारे पर स्थित है बरमान घाट के आसपास कई ऐसे धार्मिक मंदिर हैं जो हिंदू धर्म की आस्था का केंद्र है | यहां पर भारी मात्रा में लोग घूमने के लिए आते हैं और पर्यटन का आनंद लेते हैं |
नरसिंहपुर जिले का बरमान घाट इतना प्रसिद्ध है कि यहां पर मकर संक्रांति के समय जो मेले का आयोजन किया जाता है उस मेले में हजारों की संख्या में लोग एकत्रित होते हैं | मेले में भीड़ इतनी ज्यादा हो जाती है कि छोटे बच्चों को आप बड़ी आसानी के साथ नहीं छोड़ सकते यदि एक बार उनका हाथ छूट जाए तो उस मेले से दोबारा मिलने का कोई भरोसा नहीं होता है |
Barman Ghat Narsinghpur- MP GK in hindi
मेले के आयोजन में मेला कार्यकर्ताओं के द्वारा एक कार्यालय का भी शुभारंभ किया जाता है जिसको केवल सूचनाओं लेने और देने के लिए व्यवस्थित किया जाता है | मिला कार्यालय के माध्यम से आपका बिछड़ा हुआ कोई भी व्यक्ति बड़ी आसानी के साथ मिल सकता है क्योंकि मेला कार्यालय में भारी मात्रा में माइक की व्यवस्था होती है जिस कारण से आप अनाउंसमेंट करवा के किसी से भी मिल सकते हैं | मेले में किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार ना हो और किसी भी प्रकार की दुर्घटना को अंजाम ना दिया जाए इसके लिए भारी मात्रा में पुलिस बल भी तैनात होती है |
दोस्तों बरमान घाट नरसिंहपुर जिले की नेशनल हाईवे के पास स्थित है जिस कारण से यहां पर जाना बिल्कुल आसान है | इस घाट के आसपास आपको रानी दुर्गावती का मंदिर और भगवान श्री ब्रह्मा की यज्ञ स्थली के साथ-साथ कई ऐसे स्थल जाएंगे जोकि बहुत पुराने हैं |
🌗 चौरागढ़ का किला- Narsinghpur
चौरागढ़ का किला नरसिंहपुर जिले का एक ऐतिहासिक किला है जो कि एक पहाड़ी पर स्थित है | इस ऐतिहासिक स्थल को देखने के लिए यहां पर अक्सर लोग आते रहते हैं | वर्तमान समय में अगर इस ऐतिहासिक किले की बात की जाए तो पूरी तरीके से अब खंडहर के रूप में देखा जा सकता है | किले के खंडहर होने के पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि इसकी देखरेख में पूरी तरीके से कमी की गई है यदि इसकी देखरेख होती रहती और सुरक्षा बनी रहती तो आज भी यह किला उसी तरीके से दिखाई देता जिस तरीके से प्राचीन समय में दिखता था |
आप इस किले को देखने के लिए अपने पूरे परिवार के साथ भी आ सकते हैं किले तक जाने का रास्ता एकदम सही है | यहां पर जाने के बाद आप प्राकृतिक रूप से भी वहां की बहुत ही अति सुंदरता को देख सकते हैं जिसके बारे में जितना बखान करें उतना कम है | यहां पर आपको एक छोटा सा तालाब भी देखने को मिलता है जैसे प्राचीन काल में किले में निवासरत शासकों के लिए बनवाया गया था प्राचीन काल में इसे रेवा कुंड के नाम से जाना जाता था |
Chauragarh Fort- Narsinghpur
किले के अंदर आपको एक छोटा सा मंदिर भी मिलेगा इस मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता | इस मंदिर में भगवान विष्णु की नरसिंह अवतार की मूर्ति को देखा जा सकता है | यह प्रतिमा काफी पुरानी और ऐतिहासिक प्रतिमा है यह मंदिर तभी से अपने अस्तित्व में हैं जब से यह किला निर्मित किया गया था |
चौरागढ़ किले की निर्माण की बात करें तो इस किले का निर्माण प्रसिद्ध गोंड वंश के राजा संग्राम सिंह के द्वारा करवाया गया था| इस किले का निर्माण लगभग 15 वीं शताब्दी के आसपास करवाया गया था | नरसिंहपुर के एक छोटे से गांव गाडरवारा के अंतर्गत यह किला आता है | यह गांव नरसिंहपुर की एक छोटी सी पहाड़ी के पास स्थित है |
🌗 हाथीनाला जलप्रपात- Narsinghpur
हाथीनाला जलप्रपात के बारे में तो आपने सुना ही होगा नरसिंहपुर जिले का यह एक ऐसा पर्यटक स्थल है जो कि अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है | यहां पर इस झरने को आप 5 रूपों में देख सकते हैं | यह झरना बहुत ही सुंदर और आकर्षक झरना है जो कि नरसिंहपुर जिले की पहाड़ियों में स्थित है | घने जंगलों के बीच स्थित झरने को देखने के लिए लोग अक्सर जाते रहते हैं | ऐसे कठिन स्थलों को देखने के लिए लोग इसीलिए चले जाते हैं क्योंकि वहां पर जाने के बाद मन को एक अलग ही शांति और अनुभूति होती है |

आपके मन में कितनी भी पीड़ा क्यों ना हो यदि आप किसी प्राकृतिक सुंदरता पर घूमने चले जाते हैं तो आपका मन अचानक ही शांत हो जाता है | दोस्तों कहा जाता है सुंदरता एक ऐसी चीज है जिसे देखने के बाद हम अपना होश खो बैठते हैं सुंदरता को किसी भी रूप में देखा जा सकता है | प्रकृति की सुंदरता भी कुछ इस तरीके से है कि आप कितने भी परेशान क्यों ना हो कितने भी क्रोधित क्यों ना हो एक बार प्रकृति की सुंदरता को जब आपने हार लेते हैं तो आपका मन अचानक ही उसी तरफ मुड़ जाता है |
🌗 नरसिंहपुर का गरुण मंदिर-
15 वीं शताब्दी में स्थित नरसिंहपुर के एक छोटे से गांव गररु के अंतर्गत आने वाला यह मंदिर यहां के प्रसिद्ध गोंड वंश के राजा बलवंत सिंह ने बनवाया था | यह मंदिर बहुत ही प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर है | यह मंदिर एक धार्मिक मंदिर है जिसे नर्मदा नदी के किनारे पर स्थापित किया गया है | नदी के किनारे यह मंदिर वास्तव में बहुत ही सुंदर और आकर्षक लगता है | नदी में स्नान करने के बाद लोग गरण मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं |
🌗 नरसिंहपुर का मिनी धुआंधार-
नरसिंहपुर जिले के अंतर्गत बहने वाली नर्मदा नदी पर यह जलप्रपात धुआंधार जलप्रपात के नाम से जाना जाता है जिसे मिनी धुआंधार जलप्रपात भी कहते हैं | नरसिंहपुर जिले का यह एक ऐसा पर्यटक स्थल है जिसे देखने के लिए अक्सर लोग जनवरी के महीने में आते हैं | सर्दी के समय में यहां पर वाष्पीकरण होता हुआ पानी बहुत ही सुंदर और आकर्षक लगता है | आप यहां पर अपने पूरे परिवार के साथ घूमने के लिए आ सकते हैं यहां पर कुछ स्थान ऐसे हैं जहां पर जाना पूरी तरीके से मना किया होता है | दुर्घटनाग्रस्त स्थल पर जाने से पहले हमें अपने बारे में और अपने परिवार के बारे में सोचना चाहिए इसीलिए जहां भी जाएं वहां पर कार्यरत कर्मचारियों के द्वारा एक बार सलाह जरूर ले लें इसके बाद ही जाएं |
बरसात के समय में यह झरना काफी बड़ी मात्रा में दिखाई देता है क्योंकि नर्मदा नदी का पानी का बहाव थोड़ा बढ़ जाता है | इस पर्यटक स्थल पर रुकने की थोड़ी मात्रा में व्यवस्था भी की गई है परंतु यहां पर रात में रुकना बिल्कुल भी उचित नहीं होता | आप यहां पर अपने दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने के लिए भी आ सकते हैं ज्यादातर लोग अपनी फ्रेंड सर्कल के साथ आते हैं |
🌗 पठेहरा का किला- Narsinghpur MP
नरसिंहपुर जिले के अंतर्गत आने वाले यह एक ऐतिहासिक और प्राचीन किला है जोकि बहुत ऊंची पहाड़ी पर बनाया गया है | प्राचीन काल के सभी राजा अक्सर इमारतों को ऊंचाई पर इसीलिए बनाते थे क्योंकि वहां से नीचे का पूरा नजारा देखने को मिल जाता था और जब युद्ध की स्थिति बनती थी तो युद्ध करने में भी आसानी होती थी| इस किले का निर्माण 15वीं – 16 वीं शताब्दी में करवाया गया था उस समय गोंड वंश शासक राजा बलवंत सिंह हुआ करते थे | राजा बलवंत सिंह के द्वारा ही इस किले का निर्माण करवाया गया था | इस किले का निर्माण नर्मदा नदी के ठीक बिल्कुल किनारे पर करवाया गया है |
Pathehra Fort- Narsinghpur MP
एक किले की सुरक्षा के बारे में अगर बात करें तो आज से कई साल पहले से ही इस किले की देखरेख में कोई ध्यान नहीं दिया गया जिस कारण से यह किला वर्तमान में खंडहर हो चुका है | परंतु प्राचीन काल में इमारतों को इतना मजबूती से बनाया जाता था कि उनको मिटाना आसान नहीं है आज भी हजारों वर्ष पुरानी इमारतें मौजूद हैं| राजा बलवंत सिंह के द्वारा बनवाया गया यह किला आज भी बहुत सुंदर लगता है आप यहां पर अपने पूरे परिवार के साथ इस ऐतिहासिक इमारत को देखने के लिए आ सकते हैं | ज्यादातर किले का निर्माण या तो पहाड़ों पर किया जाता था या फिर नदियों के किनारे किया जाता था क्योंकि लोगों की पहली आवश्यकता पानी होती है |
जलप्रपात | घोघर नाथ जलप्रपात, हाथीनाला जलप्रपात |
प्रमुख मंदिर | सिद्धेश्वर दुर्गा मंदिर नरसिंहपुर, नरसिंहपुर का गणेश मंदिर, नरसिंहपुर का राम मंदिर, |
मुख्य पर्यटक स्थल | नरसिंहपुर का ककरा घाट, मां नर्मदा मंदिर नरसिंहपुर, नरसिंहपुर का गौरी शंकर दुबे पार्क, सतधारा नरसिंहपुर, नरसिंहपुर का सूरजकुंड, बरमान घाट, |
किला | चौरागढ़ का किला,पठेहरा का किला |
नरसिंहपुर का गरुण मंदिर | राजा बलवंत सिंह के द्वारा निर्मित 15वीं शताब्दी में |
नरसिंहपुर का मिनी धुआंधार | नर्मदा नदी पर एक छोटा सा जलप्रपात |
नरसिंह मंदिर | जाट सरदार द्वारा निर्मित |
विराट नगरी | नरसिंहपुर के बरहाटा नामक स्थान को कहा जाता है |
चौरागढ़ किले का निर्माण | गोंड वंश के शासक संग्राम सिंह द्वारा निर्मित |
आदि गुरु शंकराचार्य जी की तपस्या स्थल | नरसिंहपुर जिले का बल्थारी |
अनुसंधान केंद्र | गन्ना अनुसंधान केंद्र |
डमरू घाटी | नरसिंहपुर |
मेला | बरमान का मेला |
नरसिंहपुर Narsinghpur जिले का GK History in hindi FAQ’s
☑️ नरसिंहपुर जिले का नाम कैसे पड़ा?
नरसिंहपुर जिले का नाम यहां पर स्थित भगवान नरसिंह की विशाल मंदिर की कारण पड़ा है |
☑️ नरसिंहपुर जिले के अंतर्गत भगवान नरसिंह के मंदिर का निर्माण किसने करवाया?
भगवान नरसिंह के मंदिर का निर्माण एक जाट सरदार के द्वारा करवाया गया था |
☑️ विराट नगरी कहां पर है?
विराट नगरी मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के बरहाटा को कहा जाता है | विराट नगरी यह नाम प्राचीन काल में महाभारत के समय में कहा जाता था |
☑️ चौरागढ़ का किला कहां पर स्थित है?
चौरागढ़ का किला मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में स्थित है|
☑️ चौरागढ़ किले का निर्माण किसने करवाया?
मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में स्थित चौरागढ़ के किले का निर्माण प्राचीन काल के महान शासक गोंड वंश के राजा संग्राम शाह के द्वारा 15वीं शताब्दी में करवाया गया था |
☑️ रानी दुर्गावती का मंदिर मध्य प्रदेश में कहाँ पर है?
रानी दुर्गावती का मंदिर मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में है|
☑️ प्रसिद्ध आदि गुरु शंकराचार्य ने कहां पर तपस्या की थी?
मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले बल्थारी नामक स्थान पर आदि गुरु शंकराचार्य जी ने तपस्या की थी |
☑️ मध्य प्रदेश का गन्ना अनुसंधान केंद्र किस जिले में हैं?
मध्य प्रदेश का गन्ना अनुसंधान केंद्र नरसिंहपुर जिले में स्थित है|
☑️ मध्य प्रदेश का ऐसा कौन सा जिला है जहां पर संस्कृत बोली जाती है?
मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के अंतर्गत आने वाला एक छोटा सा गांव जिसे मोहद गांव के नाम से जाना जाता है वहां पर साधारण बोलचाल की भाषा में संस्कृत का प्रयोग किया जाता है |
☑️ मध्य प्रदेश के किस जिले में डमरू घाटी स्थित है?
मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में मध्य प्रदेश की प्रसिद्ध डमरू घाटी स्थित है |
☑️ मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध बरमान का मेला किस जिले में आयोजित होता है?
मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के अंतर्गत बरमान मेले का आयोजन किया जाता है |
Rewa
नर्मदापुरम संभाग