भारत में साबूदाना टैपिओका स्टार्च से बनाया जाता है। Tapioca स्टार्च को बनाने के लिए कसावा नामक कंद का इस्तेमाल किया जाता है जो बहुत हद तक शकरकंद जैसा होता है।
- हड्डियों के लिए फायदेमंद
- हाई ब्लड प्रेशर
- वजन बढ़ाने के लिए
- पाचन शक्ति बढ़ाएं
- सबसे पहले साबूदाना को कमरे के तापमान पर साफ पानी से तीन बार धोएं ताकि अतिरिक्त स्टार्च निकल जाए।
- लो बीपी की समस्या है तो ना करें साबूदाने का सेवन
- फाइबर, प्रोटीन और कैल्शियम सहित महत्वपूर्ण आवश्यक पोषक तत्व
- साबूदाने में साइनाइड की कम मात्रा पाई जाती है, लेकिन इसके अधिक सेवन से कई दुष्प्रभाव देखने में आ सकते हैं।
- इसका अधिक सेवन मस्तिष्क रोग, हृदय रोग के साथ ही कोमा और मृत्यु का कारण भी हो सकता है।
साबूदाना एक प्राकृतिक वनस्पति है। क्योंकि यह सागो पाम के एक पौधे के तने व जड़ में जो गूदा होता है उससे बनाया जाता है।
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व्रत के दौरान साबूदाना
साबूदाना की तासीर ठंडी होती है इसी वजह से लोग इसे व्रत के दौरान खाते हैं। क्योंकि व्रत के दौरान पेट की गर्मी बढ़ जाती है और इसका ताप बढ़ जाता है। इस ताप को ठंडा करने में साबूदाने का सेवन फायदेमंद है।
साबूदाना अपने यहां अक्सर व्रत के दौरान ही खाया जाता है। इसमें स्टार्च की अच्छी मात्रा होती है जो कि शरीर को एनर्जी देने का काम करता है।
वजन घटाने के लिए साबूदाना का उपयोग
वजन घटाने के लिए आप नाश्ते में साबूदाना खिचड़ी का सेवन कर सकते हैं। फाइबर और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर साबूदाने खिचड़ी का सेवन नाश्ते में करने से पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस होता है।
साबूदाना खिचड़ी की सामग्री
1 कप साबूदाना, घी, पानी, ताजा दूध, शक्कर या गुड़
साबूदाना बनाने की विधि
- सबसे पहले एक गिलास साबूदाना ले
- जितना साबूदाना लेना है उतना ही पानी लेना है
- अब साबूदाना को पानी के साथ दस मिनट तक गर्म करना है
- अब जितना साबूदाना लिया है उतना ही उसमे ताजा दूध डालना है
- साबूदाने की खीर में अपनी रूचि के अनुसार शक्कर या गुड़ डाल सकते है
- अब पकने के बाद साबूदाने को ठंडा कर लेना है
- उसके बाद आप साबूदाने को खा सकते है आपका साबूदाना बनके तैयार है