सिवनी जिला के प्रमुख पर्यटक स्थल Seoni GK History

सिवनी जिला के प्रमुख पर्यटक स्थल –

हेलो दोस्तों!

आज हम बात करने वाले हैं मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के बारे में जिसमें आज हम आपको बताएंगे कि सिवनी जिले के अंतर्गत कौन-कौन से पर्यटक स्थल पाए जाते हैं? पर्यटक स्थलों का क्या महत्व है ?उनकी क्या विशेषता है ?कौन से पर्यटक स्थल की कब स्थापना की गई है? सिवनी जिले में कौन-कौन सी नदियां पाई जाती हैं यहां पर कौन-कौन से बांध हैं? कौन-कौन से तालाब हैं ?कौन-कौन सी ऐतिहासिक इमारतें हैं? सभी पर्यटक स्थलों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे |

दोस्तों सिवनी जिले के बारे में अगर बात करें तो यह जिला काफी पुराना और ऐतिहासिक जिला रहा है यह जिला जबलपुर संभाग के अंतर्गत आता है जोकि जबलपुर का क्षेत्र संगमरमर के पत्थरों वाला क्षेत्र है और नर्मदा नदी वाला क्षेत्र है| क्षेत्र की मिट्टी काफी उपजाऊ मिट्टी है क्योंकि यहां पर नदियों में पानी के अधिक बहाव के कारण आसपास की मृदा की ऊपरी परत उपजाऊ हो जाती है |

जलाशयरुमल जलाशय, बाबरिया जलाशय
बांधतोतलादोह बांध,अरी बांध, भीमगढ़ बांध
स्थापना1 नवंबर 1956
प्रसिद्ध नाममध्य प्रदेश का लखनऊ
चावल की विशेष किस्म का उत्पादनकाली मूंछ चावल
प्रमुख पर्यटक स्थलगुरु रत्नेश्वर धाम, चंद्रलोक इंद्र भवन, सिवनी का मठ मंदिर, सूर्य मंदिर, आष्टा का काली मंदिर, श्री काल भैरव मंदिर सिवनी, बड़ी इमारत दरगाह, अंबाबाई देवी जी का मंदिर, रिछारिया बाबा जी मंदिर सिवनी, वैष्णो देवी मंदिर, बंजारी देवी मंदिर, मठ घोघरा का शिव धाम,
प्रसिद्ध चर्चएंग्लिकन चर्च सिवनी
प्रसिद्ध जैन मंदिरदिगंबर जैन मंदिर ,नागा बाबा मंदिर,
वैनगंगा नदी का उद्गमसिवनी जिले के मुंडेर गांव से
राष्ट्रीय उद्यानपेंच राष्ट्रीय उद्यान
तालाबदलसागर तालाब
प्रसिद्ध टापूपायली रेस्ट हाउस
किलाआदेगांव किला
सिवनी का भेड़ाघाटवैनगंगा नदी का तट
महलबावड़ी का दीवान महल
संभागजबलपुर
तहसीलों की संख्या09
प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रबंडोल
विधानसभा क्षेत्र04
मेलाभैरोथान का मेला

सिवनी जिले की स्थापना-

सिवनी जिले की स्थापना 1 नवंबर 1956 को हुई तथा यह एक जनजाति बाहुल्य क्षेत्र के रूप में उभर कर सामने आया | इस जिले का ज्यादातर क्षेत्र आदिवासियों से निवासरत है |

सिवनी जिले के अंतर्गत सेओना नामक वृक्ष ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं जिस कारण से इसका नाम सिवनी रखा गया | यहां पर एक वृक्ष की लकड़ी का प्रयोग प्रमुख रूप से ढोलक बनाने के लिए किया जाता है | इस वृक्ष से निर्मित किए गए ढोलक देश के कई हिस्सों में एक्सपोर्ट किए जाते हैं |

मध्य प्रदेश का लखनऊ-

दोस्तो मध्य प्रदेश का सिवनी जिला एकमात्र ऐसा जिला है जिसे मध्य प्रदेश के लखनऊ की संज्ञा दी गई है क्योंकि यहां पर लखनऊ के जैसी सुंदर इमारतें देखी जा सकती हैं | इस तरीके से लखनऊ में सुंदर नदी बहती है और नदी के दोनों तरफ शहर बसा हुआ है | नदी के आसपास का नजारा बहुत ही सुंदर और खूबसूरत लगता है ठीक उसी प्रकार से सिवनी जिले के अंतर्गत भी नदी के आसपास का नजारा ठीक वैसा ही प्रतीत होता है जिस कारण से” मध्य प्रदेश का लखनऊ” कहा जाता है |

मध्य प्रदेश का लखनऊ कहा जाना सिवनी जिले को बिल्कुल भी गलत नहीं है क्योंकि यहां पर बहुत ही सुंदर- सुंदर इमारतें मौजूद हैं | इन इमारतों को देखने के लिए यहां पर प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में लोग पर्यटन के रूप में देखने के लिए आते हैं |

काली मूंछ चावल-

मध्य प्रदेश का सिवनी जिला एकमात्र ऐसा जिला है जहां पर काली मूंछ किस्म के चावल का उत्पादन किया जाता है और इस जिले के क्षेत्र में भारी मात्रा में चावल का उत्पादन किया जाता है | किस प्रकार के चावल की खास विशेषता यह है कि इसमें पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है यह काफी मजबूती प्रदान करता है |

सिवनी जिले के कुछ प्रमुख पर्यटक स्थल और दर्शनीय स्थल-

सिवनी जिले के अंतर्गत 20 से भी अधिक पर्यटक स्थल पाए जाते हैं| उनमें से आज हम आपको कुछ महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों के बारे में बताएंगे जो कि निम्न हैं-

❂ गुरु रत्नेश्वर धाम सिवनी-

यह एक धार्मिक मंदिर है यहां पर आपको काफी प्राचीन और ऐतिहासिक मूर्तियां देखने को मिलती हैं | इस धाम पर आपको एक बहुत ही सुंदर मंदिर देखने को मिलता है और एक मंदिर में भगवान शिव की प्रतिमा देखने को मिलती है | इस मंदिर में भगवान शिव की जो शिवलिंग विराजमान है वह एक पत्थर की शिवलिंग है जिसे स्फटिक भी कहा जाता है | गुरु रत्नेश्वरी धाम मंदिर सिवनी जिले से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर दिघोनी जो कि एक छोटा सा गांव है वहां पर स्थित है | स्फटिक शिला एक ऐसी शिला होती है जो कि पूरी तरीके से पारदर्शी होती है | यहां पर एक साउथ इंडियन स्टाइल पर बहुत ही सुंदर और खूबसूरत बगीचा बना हुआ है यहां पर आप घूम सकते हैं और आनंद उठा सकते हैं |

❂ चक्र लोक इंद्र भवन-

यह एक बहुत ही सुंदर मंदिर है जो कि सिवनी जिले का प्रमुख धार्मिक केंद्र है | इस मंदिर को देखने के लिए आप अपने खुद के वाहन से भी जा सकते हैं और किसी अन्य वाहन के माध्यम से भी जा सकते हैं |

सिवनी जिला के प्रमुख पर्यटक स्थल Seoni GK History

❂मठ मंदिर सिवनी-

मठ मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है यह एक मंदिरों का समूह है जहां पर आप को के प्रमुख रूप से हिंदू धर्म के देवी-देवताओं की मंदिर देखने को मिलेंगे | इन मंदिरों में प्रमुख रूप से भगवान शिव का मंदिर सबसे चर्चित और विशाल मंदिर है |

❂ सूर्य मंदिर सिवनी-

सिवनी जिले के सभी मंदिरों में हिंदू धर्म का यह एक बहुत ही प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है | इस मंदिर में भगवान सूर्य की प्रतिमा को आप प्रमुख रूप से देख सकते हैं | भगवान सूर्य के दर्शन करने के लिए यहां पर प्रतिदिन लोगों की भीड़ लगी रहती है |

❂ आष्टा का काली मंदिर-

इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि एक मंदिर का निर्माण लगभग एक रात में पूरा किया गया था | इस मंदिर का निर्माण पत्थरों के द्वारा दिया गया है सिवनी जिले का यह धार्मिक मंदिर है जो कि लोगों के आकर्षण का केंद्र है | इस मंदिर में प्रमुख रूप से माता शक्ति की खंडपीठ मां काली को प्रमुख रूप से देखा जा सकता है | इस मंदिर में मां काली की भव्य प्रतिमा विराजमान है नवरात्रि के समय पर यहां पर आने वाले प्रत्येक भक्तों की हर मनोकामना को माता के द्वारा पूरा किया जाता है | माता के दरबार की एक ऐसी विशेषता है कि यहां पर बांझपन जैसी समस्या माता के सामने टिकती ही नहीं है| माता के दरबार में आस लिए हुए आया कोई भी भक्त कभी भी खाली नहीं जाता | यह मंदिर सिवनी जिले की बरहट तहसील के एक छोटे से गांव आस्था के निकट पड़ता है जिस कारण से से आस्था का काली मंदिर भी कहा जाता है |

❂ श्री काल भैरव मंदिर सिवनी-

सिवनी जिले का प्रसिद्ध मंदिर श्री काल भैरव मंदिर सिवनी जिले की लखनादौन तहसील से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर यह मंदिर स्थित है | यह मंदिर काफी पुराना और ऐतिहासिक मंदिर किसी देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग आते हैं और दर्शन करते हैं| यही एक धार्मिक मंदिर है इस मंदिर में हिंदू धर्म से जुड़े हुए देवी-देवताओं की मूर्तियों को भी देखा जा सकता है जिसमें प्रमुख मूर्ति काल भैरव की मूर्ति है |

❂ एंग्लिकन चर्च सिवनी-

सिवनी जिले का यही एक प्रमुख चर्च है इसके अलावा सिवनी जिले में अन्य कोई दूसरा ऐसा चर्च नहीं है जो इस चर्च की बराबरी कर सकें क्योंकि यह चर्च में आपको बहुत अद्वितीय चीजें देखने को मिलेंगी | चर्च को देखने के लिए प्रतिदिन लोग यहां पर आते रहते हैं यहां पर अंदर जाने के लिए किसी भी प्रकार की फीस नहीं ली जाती है |

❂ बड़ी इमारत दरगाह सिवनी-

लखनऊ की तरह यहां पर आपको बड़ी इमारत देखने को मिलती है और अन्य इमारतें भी ठीक उसी तरह से नजर आती हैं जैसे लखनऊ में दिखाई देती हैं| यह इमारतें काफी पुरानी और ऐतिहासिक इमारतें हैं कई इमारतों में उनके निर्माण कार्य की प्रक्रिया और इतिहास की कई जानकारी मिलती है |

❂ दिगंबर जैन मंदिर –

सिवनी जिले के समनापुर में बहुत ही सुंदर और भव्य जैन मंदिर बने हुए हैं जो कि एक धार्मिक स्थल है | यह मंदिर लखनादौन तहसील के अंतर्गत आता है इस मंदिर की खास विशेषता यह है कि यह संगमरमर से बना हुआ है | एक मंदिर में आपको जैन धर्म के बड़े-बड़े तीर्थंकर की मूर्तियां देखने को मिलती हैं यहां पर सभी प्रकार की व्यवस्था अवेलेबल हो जाती है | यहां पर रुकने की पूर्ण व्यवस्था गाड़ी -वाहन की पार्किंग सभी प्रकार की व्यवस्था पूरी तरीके से की जाती है |

❂ अंबाबाई देवी जी का मंदिर-

हिंदू धर्म का यह एक प्राचीन मंदिर है यहां पर माता की प्रतिमा को आप प्रमुख रूप से देख पाएंगे जोकि मां दुर्गा का ही एक अभिन्न रूप है | लोगों की आस्था एस मंदिर से जुड़ी हुई है लोग यहां पर नवरात्रि के समय सबसे अधिक मात्रा में माता के दर्शन करने के लिए आते हैं|

जिला-सिवनी Important GK Fact

❂ रिछारिया बाबा जी मंदिर सिवनी-

सिवनी जिले के अंतर्गत आने वाली धनौरा तहसील के पास रिछारिया बाबा जी का मंदिर स्थित है यह मंदिर काफी पुराना ऐतिहासिक और धार्मिक मंदिर है | दीपावली के कुछ दिन बाद यहां पर भारी मात्रा में लोग एकत्रित होते हैं और इन लोगों के एकत्रित होने का सबसे बड़ा कारण यहां पर भव्य मेले का होता है | दीपावली के लगभग 10 दिन के बाद भव्य मेले का आयोजन होता है और इस मेले में दूर-दूर से लोग मेला का आनंद लेने के लिए आते हैं और रिछारिया बाबा जी के दर्शन भी करते हैं |

इस मंदिर में भगवान विष्णु की काले पत्थर की बहुत ही पुरानी और सुंदर प्रतिमा विराजमान है | मंदिर में तो भगवान विष्णु की पूजा होती है और भगवान विष्णु के अलावा यहां पर हिंदू धर्म के अन्य देवी देवताओं को भी प्रमुख रूप से देखा जा सकता है | मंदिर में भगवान विष्णु की होने के बावजूद भी इस मंदिर का नाम रिछारिया बाबा कैसे पड़ा इसके बारे में अभी तक कोई विशेष जानकारी प्राप्त नहीं होती है |

❂ वैष्णो देवी मंदिर सिवनी-

सिवनी जिले से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर यह मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है | मंदिर काफी ऊंचाई पर होने के कारण यहां पर मंदिर जाने के लिए पर्याप्त मात्रा में सीड़ियों की व्यवस्था की गई है | पहाड़ पर बना हुआ यह मंदिर चट्टानों को काटकर बनाया गया है |

❂ वैनगंगा नदी का उद्गम स्थल-

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के एक छोटे से गांव मुंडेर से वैनगंगा नदी का उद्गम होता है यहां पर एक छोटा सा कुंड बना हुआ है | दर्शनीय स्थल पर आप अपने स्वयं के वाहन से भी जा सकते हैं और पर्यटन का आनंद भी ले सकते हैं |

❂ बंजारी देवी प्रसिद्ध मंदिर-

सिवनी जिले की छपारा तहसील के अंतर्गत यह मंदिर स्थित है जो कि एक प्राचीन और धार्मिक तीर्थ स्थल है | यह मंदिर जंगल के बीचो-बीच बना हुआ है परंतु यहां पर आज भी लोगों की भीड़ जमा रहती है | यहां पर विराजमान माता की प्रतिमा को बंजारी देवी के नाम से जाना जाता है | यहां पर आने वाले भक्तों की हर मनोकामना को माता के द्वारा पूरा किया जाता है | यह मंदिर जबलपुर नागपुर नेशनल हाईवे पर स्थित है |

❂ मठ घोघरा का शिव धाम-

सिवनी जिले से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर भगवान शिव का यह मंदिर स्थित है | यह मंदिर सिवनी जिले की लखनादौन तहसील के अंतर्गत ग्राम मठ घोघरा के अंतर्गत आता है |मठ घोघरा यहां का एक ऐसा पर्यटक स्थल है जहां पर कई धार्मिक स्थल पाए जाते हैं | यहां पर प्रमुख रूप से 2 पहाड़ियां पाईं जाती हैं उन पहाड़ियों में प्रमुख रूप से एक गुफा मिलती है और इस गुफा के अंतर्गत भगवान शिव की प्रसिद्ध प्राचीन शिवलिंग देखने को मिलती है |

भगवान शिव के भक्तों के यहां पर भीड़ लगी रहती है और भगवान शिव को जल चढ़ाने के लिए प्रति अमावस्या के समय पर यहां पर लोग इकट्ठे होते हैं | जंगल की पहाड़ियों में स्थित है मंदिर सुंदर लगता है यहां पर जाने का रास्ता थोड़ा कठिन है परंतु अपने ईश्वर को जल चढ़ाने के लिए लोग यहां पर प्रत्येक कष्ट को पीछे छोड़ पहुंच ही जाते हैं |

❂ पेंच राष्ट्रीय उद्यान सिवनी –

पेंच राष्ट्रीय उद्यान भारत के राष्ट्रीय उद्यान में से एक है यह राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के अंतर्गत आता है इसकी स्थापना 1975 में हो चुकी थी | इस राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल लगभग 258 वर्ग किलोमीटर के आसपास है | पेंच राष्ट्रीय उद्यान का नाम यहां पर बहने वाली पेंच नदी के कारण पड़ा है यह नदी उत्तर से दक्षिण की ओर बहती है | सन 1965 में इसे राष्ट्रीय अभ्यारण घोषित किया गया था| इसके बाद 1975 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित हुआ | सन 1992 में इसको राष्ट्रीय बाघ अभ्यारण की सूचियों में शामिल कर लिया गया इसके बाद सन् 1983 में यह राष्ट्रीय उद्यान घोषित हुआ|
इस राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत शेर ,भालू, चीता ,हिरण, मोर, जंगली भैंसा आदि तरह- तरह के जानवर पाए जाते हैं |

सिवनी जिला के प्रमुख पर्यटक स्थल

❂ बाबरिया जलाशय-

सिवनी जिले का यही एक प्राकृतिक जलाता है यहां पर आप पर्यटन का आनंद ले सकते हैं | यह जलाता काफी बड़ा और गहरा जलाशय है |

❂ दलसागर तालाब-

दोस्तों यह तालाब शहर के बीच में बीच बना हुआ है जिसे आप एक झील भी कह सकते हैं | यहां पर सबसे सुंदर नजारा शाम के समय का होता है डूबता हुआ सूरज प्रकृति की सुंदरता को चारों ओर फैला देता है | आप यहां पर अपने परिवार के साथ आ सकते हैं और घूम सकते हैं | दलसागर तालाब पर्यटन के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बना हुआ है |

❂ भीमगढ़ बांध छपारा –

सिवनी जिले के अंतर्गत बहने वाली वैनगंगा नदी यह बांध स्थापित किया गया है | इस बांध की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी से निर्मित किया गया बांध है | इस बांध का निर्माण 1970 से 1980 के बीच किया गया है | इस बांध का दूसरा नाम संजय गांधी बांध भी है जो कि कम मात्रा में प्रचलित है | सिवनी जिले के मुंडेर गांव से निकलने वाली वैनगंगा नदी पर इस बांध को निर्मित किया गया है | इस बांध के ऊपर जल विद्युत संयंत्र भी लगाया जा रहा है |

❂ केवलारी का सिद्ध घाट –

केवलारी तहसील के अंतर्गत होने वाला सिद्ध बाबा मंदिर यहां का प्रमुख मंदिर है| इस मंदिर का निर्माण सिवनी जिले में बहने वाली प्रसिद्ध वैनगंगा नदी के किनारे किया गया है | केवलारी तहसील से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह मंदिर ग्राम पंचायत बिच्छुआ के अंतर्गत आता है उसे गंगा टोली भी कहा जाता है |

वैनगंगा नदी के किनारे प्रसिद्ध और बड़ी-बड़ी चट्टानों के ऊपर बनाया गया सिद्ध बाबा का मंदिर भगवान शिव के लिए समर्पित है| वैनगंगा नदी के किनारे बना हुआ यह मंदिर काफी प्रसिद्ध और खूबसूरत मंदिर है क्योंकि पत्थरों के बीच बहता हुआ कल कल की आवाज से पानी बहुत ही खूबसूरत लगता है |

❂ पायली रेस्ट हाउस घंसौर-

सिवनी जिले के अंतर्गत आने वाली घंसौर तहसील का रेस्ट हाउस यहां का एक पर्यावरणीय क्षेत्र है परंतु यहां पर बहुत ही खूबसूरत और मनोरम दृश्य लगता है | आप इस क्षेत्र के बाजू में बरगी जलाशय देखेंगे जहां पर बहुत ही प्यारा और आकर्षक लगता है| यहां पर जो जिला स्तर बनाया गया है वह अंग्रेजों के जमाने का है काफी पुराना है परंतु बहुत ही सुंदर और 12 महीने तक इसमें हमेशा पानी भरा रहता है | जनवरी के महीने में और मकर संक्रांति के समय यहां पर दूर-दूर से लोग पिकनिक मनाने के लिए आते हैं |

❂ अमोदगढ़ छुई पर्यटक स्थल-

यह एक प्राकृतिक जगह है जहां पर आपको पर्वत ,पहाड़ और झरना तथा सुंदर नदियां देखने को मिलती हैं | मंडला नेशनल हाईवे पर सिवनी जिले से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर यह पर्यटक स्थल मौजूद है आप यहां पर अपने पर्सनल वाहन के माध्यम से जा सकते हैं और एक लंबी सैर सकते हैं | यहां पर स्थित जंगल बुक मोगली लैंड के नाम से भी जाना जाता है कहा जाता है कि इसी स्थल से प्रेरित होकर जंगल बुक जैसी रचना को किया गया है |

❂ अंबिका प्रतिमा –

अंबा माई का प्रसिद्ध यह एक धार्मिक स्थल है जो कि जंगल के बीचो-बीच बना हुआ है | सिवनी जिले के एक छोटे से गांव में स्थित है इस मंदिर में आपको अंबिका माता की प्रतिमा देखने को मिलती है जो कि काफी प्राचीन और ऐतिहासिक प्रतिमा है| अंबिका माता के अलावा यहां पर आपको भगवान शिव की प्रतिमा भी देखने को मिलती है| यह धार्मिक स्थल लोगों के पर्यटन का केंद्र है यहां पर आपको प्रमुख रूप से बंदरों से सावधान होना होता है क्योंकि यहां पर ज्यादा मात्रा में बंदर पाए जाते हैं | यहां पर आपको एक छोटी सी नदी भी देखने को मिलती है जो कि काफी सुंदर है पत्थरों के बीच में बहता हुआ पानी बहुत सुंदर लगता है |

❂ वर्धमान महावीर स्वामी जी की प्रतिमा-

सिवनी जिले के लखनादौन तहसील से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर यह मंदिर स्थित है | जैन मंदिर जबलपुर नेशनल हाईवे पर बना हुआ है इस मंदिर तक जाने का रास्ता बिल्कुल आसान और सरल रास्ता है | यहां पर निकटतम रेलवे स्टेशन घंसौर रेलवे स्टेशन है किस रेलवे यातायात के माध्यम से आप इस मंदिर तक बड़ी आसानी के साथ पहुंच सकते हैं |

❂ आदेगांव किला-

सिवनी जिले की आदे गांव में स्थित यह किला लखनादौन तहसील के अंतर्गत आता है | सुबह 5:00 बजे से लेकर रात 8:00 बजे तक यहां पर कभी भी भ्रमण किया जा सकता है | घूमने के लिए प्रत्येक दिन आप यहां पर आ सकते हैं किसी भी प्रकार की पाबंदी नहीं रहती | लखनादौन तहसील से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर यह किला स्थित है | यह एक प्राचीन किला है जिसका आधी से ज्यादा भाग पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गया | इस किले में आप बहुत सी ऐसी प्राचीन काल की वस्तुओं को देख सकते हैं जिनसे आपको इतिहास काल की बहुत सी जानकारी प्राप्त होगी | यह किला लखनादौन तहसील से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर बना हुआ है | यह किला एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है | किले के अंदर ही भैरव बाबा का मंदिर देखने को मिलता है जो कि आज भी प्रसिद्ध है और प्राचीन काल से ही देश में दर्शन करने के लिए लोग आते हैं |

❂ सिवनी का भेड़ाघाट-

सिवनी जिले के अंतर्गत बहने वाली वैनगंगा नदी के तट पर बना हुआ सिद्ध बाबा मंदिर सिवनी नदी की बड़ी-बड़ी चट्टानों के ऊपर निर्मित किया गया है | सिद्ध बाबा मंदिर यहां का प्रसिद्ध मंदिर है और भगवान शिव के लिए समर्पित है |लोग अमावस्या के समय पर भगवान शिव को यहां पर जल चढ़ाने के लिए आते हैं | यहां का दृश्य काफी मनोरम और खूबसूरत लगता है क्योंकि यह मंदिर जंगल के बीच में भी नदी के पास में बना हुआ है | मंदिर के पास वाले क्षेत्र को सिवनी का भेड़ाघाट कहा जाता है क्योंकि यहां पर भेड़ाघाट की तरह ही दृश्य दिखाई देता है |

  • ❂ अष्टभुजी दुर्गा प्रतिमा-
  • ❂ अष्टभुजी गणेश प्रतिमा –
  • ❂ सिद्धेश्वर बाहुबली प्रतिमा-
  • ❂ माता सरस्वती प्रतिमा-
  • ❂ विष्णु प्रतिमा घंसौर-

सिवनी जिले के ऐतिहासिक स्थल-

⚫️ शहीद स्मारक स्थल टूरिया

⚫️ छपारा की गढ़ी एवं बावड़ी

⚫️ शासकीय सुधाराय सिवनी

⚫️ बावड़ी का दीवान महल सिवनी

⚫️ शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सिवनी

⚫️ मिशन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिवनी

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सिवनी जिले से जुड़े हुए प्रमुख प्रश्न और उत्तर FAQ’s

➤ सिवनी जिला किस संभाग के अंतर्गत आता है?

सिवनी जिला जबलपुर संभाग के अंतर्गत आता है |

➤ सिवनी जिला में नगर निकायों की संख्या कितनी है?

सिवनी जिला के अंतर्गत 03 नगर निकाय आते हैं |

➤ सिवनी जिला में कितनी तहसील है?

सिवनी जिला में कुल मिलाकर 9 तहसीलें हैं |

➤ मध्य प्रदेश का पेंच राष्ट्रीय उद्यान कहां पर है?

मध्य प्रदेश का पेंच राष्ट्रीय उद्यान सिवनी जिला के अंतर्गत आता है यह राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश का सबसे प्रसिद्ध और चर्चित राष्ट्रीय उद्यान है |

➤ आदेगांव किला मध्य प्रदेश में कहां पर है ?

मध्य प्रदेश के सिवनी जिला के अंतर्गत आदेगांव किला स्थित है यह किला काफी पुराना और ऐतिहासिक किला है |

➤ मध्यप्रदेश में मछली के बीज का उत्पादन किस जिले में होता है?

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में मछली के बीज का उत्पादन किया जाता है यहां से मछली के बीज को देश के कई हिस्सों में एक्सपोर्ट किया जाता है | मछली पालन हेतु यहां पर उच्च क्वालिटी के मछली बीज उत्पादित किए जाते हैं |

➤ मध्यप्रदेश में जबलपुर के अलावा संगमरमर के पत्थर कहां पर पाए जाते हैं ?

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में संगमरमर के पत्थर पाए जाते हैं जबलपुर जिला संगमरमर के क्षेत्र में प्रथम स्थान पर है और जबलपुर की बाद सिवनी जिला आता है |

➤ सिवनी जिले में कितने विधानसभा क्षेत्र हैं?

सिवनी जिले के अंतर्गत 4 विधानसभा क्षेत्र आते हैं |

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➤ सोना रानी का महल मध्य प्रदेश में कहां पर है?

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के अंतर्गत सोना रानी का महल स्थापित है यह महल सिवनी जिले की आमोद गढ़ नामक क्षेत्र में आता है |

➤ सिवनी जिले के अंतर्गत कौन सा ताप विद्युत केंद्र लगाया गया है?

सिवनी जिले के अंतर्गत BHEL कंपनी ने 600 मेगावाट की क्षमता का एक ताप विद्युत केंद्र स्थापित किया है |

➤ सिवनी जिले का कौन सा उद्योग केंद्र है?

सिवनी जिले का बंडोल प्रमुख औद्योगिक केंद्र है |

➤ वैनगंगा नदी का उद्गम किस जिले से होता है?

मध्यप्रदेश में बहने वाली वैन गंगा नदी का उद्गम सिवनी जिले के मुंन्दारा नामक स्थल से होता है |

➤ भैरोथान का मेला मध्य प्रदेश में कहां पर लगता है?

भैरोथान का मेला मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में लगता है |

➤ मध्य प्रदेश का सहकारी क्षेत्र सोयाबीन संयंत्र किस जिले में हैं?

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में सोयाबीन का सहकारी क्षेत्र सोयाबीन संयंत्र स्थित है |

➤ काली मूंछ चावल मध्य प्रदेश में कहां पर होता है?

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में काली मूंछ चावल उत्पादित होता है|

➤ मध्य प्रदेश का लखनऊ किस जिले को कहा जाता है?

सिवनी जिले का मध्य प्रदेश का लखनऊ कहा जाता है|

➤ सिवनी जिले में कौन -सा बांध है?

सिवनी जिले के अंतर्गत वैनगंगा नदी पर भीमगढ़ बांध स्थापित किया गया है |

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