श्योपुर जिला GK History in hindi Seopur GK Facts

श्योपुर जिला

दोस्तों आज मैं आपको श्योपुर शहर के प्रमुख दर्शनीय स्थानों के बारे में जानकारी दूंगा। एवं यहां कौन-कौन से घूमने के स्थान हैं। जो प्राचीन समय से इनका निर्माण किया गया है। और ऐसे पर्यटक स्थल जो श्योपुर शहर में पाए जाते हैं। एवं इस शहर की सुंदरता को बढ़ाते हैं। इन सभी पर्यटक स्थलों के बारे में आज मैं आप से चर्चा करूंगाl श्योपुर शहर के दर्शनीय एवं पर्यटक स्थलों की जानकारी इस प्रकार है l

श्योपुर जिला
संभागचंबल
अलग हुआमुरैना से
नेशनल पार्ककूनो नेशनल पार्क
मंदिररामजानकी मंदिर,त्रिवेणी संगम रामेश्वरम ,देवरी हनुमान मंदिर ,जल मंदिर ईटीसी
दरगाहनिमोदा सरीफ की
डैमबंजारा डैम
किलाश्योपुर किला, मानपुर किला
योजनाप्रोजेक्ट शक्तिमान योजना
भाषाब्रजभाषा
जन्म स्थानमाखनलाल चतुर्वेदी
सर्वाधिककुपोषित जिला
जिला बना1998
कुंडडोब कुंड

1) श्योपुर किला ↔️

यह किला श्योपुर शहर के मध्य में स्थित है। इस किले में रानी महल, दरबार महल हर्निया
सहारनिया आदि महलों का निर्माण किया गया है। और हम आपको बता दें कि यह महल सीप नदी के किनारे बना हुआ है। शाहपुर शहर प्रमुख रूप से संभल एवं गोनी नदी के लिए जाना जाता है। इस नदियों में लकड़ियों का काम प्रमुख रूप से किया जाता है l

2) कुनो नेशनल पार्क ↔️

यह नेशनल पार्क मुरैना एव श्योपुर शहर में स्थित है। यश नेशनल पार्क की स्थापना 1981 ईस्वी में की गई थी। पहले यह पार्क के समान था। इसे कुछ वर्ष पहले ही नेशनल पार्क में गिना जाने लगा। इस नेशनल पार्क का क्षेत्र लगभग 420 किलोमीटर की एरिया में फैला हुआ है। और हम आपको बता दें कि इस नेशनल पार्क में जंगली जानवर एवं पशु पक्षी देखने को मिलते हैं। और झील भी देखे जा सकते हैं l

3) डोब कुंड ↔️

श्योपुर जिले में स्थित यह कुंड ऐतिहासिक रूप से जाना जाता है। और हम आपको बता दें कि यह प्रमुख रूप से ऐसे प्राचीन कुंड है। जो कभी नहीं सूखे हैं। और हम बता दें कि यह कुंड कछुआ सम्राट द्वारा बनवाया गया था। और इसमें हजारों साल पुराने शैल चित्रों को भी देखा जा सकता है। और कई जैन मंदिरों का निर्माण भी करवाया गया था। 10वीं 11वीं शताब्दी में इन कुंडों का निर्माण करवाया गया था। जो आज भी ऐतिहासिक रूप से इनका स्वरूप ज्यों का त्यों बना हुआ है l

4) राम जानकी मंदिर। ↔️

यह मंदिर सीप नदी के किनारे बना हुआ है। इस मंदिर को आसानी से देखा जा सकता है। इस मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की स्थापना की गई है। और यह मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध है। जिससे लोग इस मंदिर में पूजा करने के लिए आते हैं। और हम आपको बता दें कि यह मंदिर श्योपुर शहर से 5 किलोमीटर की दूरी पर एक नदी के किनारे बना हुआ है l इस मंदिर का निर्माण 15 शताब्दी में किया गया था। एवं रामनवमी में यहां पर आयोजन भी किया जाता है। और मेला लगाया जाता है l

5) त्रिवेणी संगम रामेश्वरम ↔️

यह मंदिर श्योपुर शहर से 40 किलोमीटर की दूरी पर राजस्थान एवं मध्य प्रदेश की सीमा पर बना हुआ है। एवं भगवान परशुराम ने यहां पर तपस्या की थी। और राम एवं जानकी माता संगम भी इसी जगह पर हुआ था। और हम आपको बता दें कि यहां पर चंबल नदी सीप नदी का संगम भी होता है। यह एक प्रमुख रूप से पर्यटक स्थल है। जो घूमने के लिए बहुत ही मनोरम है। यहां पर मेला का आयोजन भी किया जाता है। और हर वर्ष हर्ष और उल्लास के साथ मेले के आयोजन किया जाता है l

6) विजयापुर दुर्ग ↔️

यह दुर्ग श्योपुर शहर से 5 किलोमीटर दूरी पर कुंवारी नदी के किनारे बना हुआ है। दुर्ग का निर्माण राजा विजय ने करवाया था। और हम बता दे कि यह दुर्ग प्राचीन काल में बनाया गया था। जो आज भी प्रमुख रूप से प्रसिद्ध एवं प्रचलित हैl कथा करौली के राजा विजय ने इसका निर्माण करवाया थाl

7) ध्रुव कुंड ↔️

यह कुंड श्योपुर शहर से 30 किलोमीटर की दूरी पर बना हुआ है। इस कुंड की प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें नहाने पर चर्म रोग समाप्त हो जाते हैं। और इस कुंड का पानी भीषण गर्मी में भी नहीं सूखता है। भगवान गोविंद का मंदिर भी इस कुंड के पास बनाया गया है। इस कुंड का निर्माण लगभग 500 वर्ष पहले किया गया था। और यहां पर कई ऐसे ऋषि मुनि आए जिनके पद चिन्ह यहां पर मिलते हैं। और यहां के पानी में ऐसे गुड़ हैं, कि व्यक्ति के चर्म रोग अपने आप दूर हो जाते हैं l

8) देवरी हनुमान मंदिर ↔️

यह मंदिर श्योपुर के मध्य में स्थित है। यह मंदिर भगवान हनुमान जी को समर्पित है। और यहां पर हर बार एक मेले का आयोजन भी किया जाता है। और हम बता दें कि इस मंदिर का आयोजन लगभग 100 वर्ष पहले किया गया था l

9) ईदगाह ↔️

शेरशाह सूरी एक ऐतिहासिक मंदिर है। जिसका निर्माण सुल्तान शेरशाह सूरी द्वारा किया गया था। यहां पर ईद की नमाज अदा करने के लिए मुसलमान लोग आते हैं। यहां पर एक गार्डन भी बना हुआ है। जो बहुत ही सुंदर दिखाई देता है। और वहां पर शांति का माहौल बना रहता है। प्रत्येक व्यक्ति अपने मन को शांत करने के लिए इस गार्डन में बैठने के लिए आते हैं l

10) दरगाह निमोदा शरीफ ↔️

यह श्योपुर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर लोग अपनी मन्नत को पूरा करने के लिए दुआ मांगने के लिए आते हैं। और हम आपको बता दें कि इस मंदिर का निर्माण निमोदा नामक गांव में किया गया है l

11) पार्वती मंदिर ↔️

यह शाहपुर से 3 किलोमीटर की दूरी पर माता पार्वती का मंदिर स्थित है। यह मंदिर लगभग 300 वर्ष पूर्व बनाया गया थाl यह मंदिर माता पार्वती को समर्पित है। यहां पर 20 सीढ़ियां बनी है, जिसमें से 17 सीढ़ी तक औरत का जाना मना है। 18वीं सीढ़ी मैं यह लिखा हुआ है कि औरत एवं युवती का जाना मना है l

12) जल मंदिर ↔️

यह मंदिर श्योपुर जिले के बड़ौदा गांव में स्थित है। इस मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति का निर्माण किया गया है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, और हम बता दें कि महाशिवरात्रि के दिन यहां पर मेले का आयोजन भी किया जाता है l

13) मानपुर का किला ↔️

यह किला श्योपुर शहर में स्थित है। यह किला शहर से 45 किलोमीटर की दूरी पर बना हुआ है। और हम बता दें कि यह किला 1809 ईसवी में दौलतराम सिंधिया द्वारा जीत लिया गया था। एवं राजा मानसिंह ने इस किले का निर्माण करवाया था। एवं बाद में यह किला श्योपुर के गोंड राजाओं के आधिपत्य में आ गया था। तथा यहां पर महेश्वर महादेव मंदिर एवं राग रानियों के चित्र दिखाई देते हैं l

14) बंजारा डैम ↔️

इस डैम के निर्माण का वास्तविक प्रमाण सन 1728 ईस्वी में राजा इंद्र सिंह द्वारा बनाए गए लेकिन पहले इसे सीप नदी के किनारे स्थित एक बंजारी किंबदंती के अनुसार लखी बंजारे द्वारा बनवाया गया l इसका शिलालेख बंजारे डैम पर लगा हुआ है। और हम बता दें कि जनकीजीराव के शासनकाल में बंजारे डैम की ऊंचाई को बढ़ा दिया गया था।

15) श्योपुर फोर्ट ↔️

यह किला श्योपुर फोर्ट शहर के काफी निकट स्थान पर स्थित है। और हम बता दें कि इसमें पुरातत्व संग्रहालय के अतिरिक्त 450 बेशकीमती मूर्तियों का भी संग्रह किया गया है। सीप एवं कलवान नदी पर बना यह संगम इसके लिए बेजोड़ नमूना प्रचलित है। यहां पर हम आपको बता दें कि गुजरी महल, नरसिंह महल, दरबारी हॉल, राजा इंद्र सिंह और राजा किशोर दास की छतरियां दर्शनीय हैं l

महत्पूर्ण तथ्य

➽ प्रोजेक्ट शक्तिमान योजना के अंतर्गत श्योपुर जिला भी आता है।

➽ मध्य प्रदेश का सर्वाधिक कुपोषण जिला श्योपुर है।

➽ श्योपुर जिले में मुख्य रूप से ब्रज भाषा बोली जाती है।

➽ गजानन माधव मुक्तिबोध का जन्म श्योपुर जिले में हुआ है।

➽ कूनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान श्योपुर जिले में स्थापित किया गया है।

➽ श्योपुर चंबल नहर से सिंचित होने वाला जिला है।

➽ श्योपुर जिला चंबल संभाग के अंतर्गत आता है।

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