👀 शिवपुरी जिला
शिवपुरी शहर के प्रमुख दर्शनीय स्थल एवं पर्यटकों की सुंदरता की विवेचना किस प्रकार है l
दोस्तों आज मैं आपको शिवपुरी शहर के प्रमुख दर्शनीय स्थानों एवं पर्यटकों को प्रमुख रूप से बताने जा रहा हूं। और इस शहर के प्राचीन मंदिरों के बारे में जानकारी देना चाहता हूं। शिवपुरी जिले में प्राचीन मंदिरों की संख्या में सबसे अधिक मंदिर शिवलिंग से संबंधित मंदिरों की स्थापना की गई है। और इस कारण से इस शहर का नाम शिवपुरी के नाम से प्रचलित हो गया है। शिवपुरी जिले के कुछ प्रसिद्ध स्थानों की विवेचना इस प्रकार है l
शिवपुरी जिला | |
संभाग | ग्वालियर |
प्रमुख मंदिर | लोड़ी माता मंदिर , सूर्य बाबा की गड़ी |
उद्यान | माधव राष्ट्रीय उद्यान |
किला | नरवर का किला, जार्ज कौशल भवन , सुरआया किला |
झील | सांख्य सागर झील, पावा झरना , भूरा को झरना |
अभ्यारण्य | करेरा पक्षी अभ्यारण्य |
उर्स | पीर बुधान का उर्स |
मेला | बाणगंगा का मेला |
एकेडमी | क्रिकेट एकेडमी |
उद्योग | कत्था उद्योग |
नदी | कुंवारी नदी |
नदी के किनारे बसा | सिंध नदी |
परियोजना | अटल सागर परियोजना |
उत्पादन | शीशा गेलेना |
(1) सांख्य सागर झील एवं माधव सागर झील-
इसका निर्माण 1918 ईस्वी में किया गया था हम आपको बता दें कि सांख्य सागर झील माधव राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है। जिसमें जंगली जानवर भी निवास करते हैं। और इस झील का स्थान एक दम शांत है। और यहां पर लोग पिकनिक मनाने का आनंद लेने आते है। और हम बता दें कि इस झील में बोटिंग का आनंद भी लिया जाता है। इस झील में वोटिंग भी की जाती है। इस झील मैं सुबह के समय का आनंद बहुत ही खूबसूरत होता है। जोकि लोग आनंद लेने के लिए बहुत ही दूर दूर से आते हैं l
2) जॉर्ज कैस्ट्रॉल –
इस मंदिर का निर्माण जीवाजी राव सिंधिया ने इंग्लैंड के एक राजा के लिए करवाया था। जोकि एक रात खेलने के लिए किया गया था। एस जॉर्ज कैस्ट्रॉल से पर्यटक को घूमने का आनंद मिल सकता है। और ऐसे जो आज के द्वारा शिवपुरी में स्थित सभी झीलों का आनंद लिया जा सकता है l
3) सिंधिया छतरियां –
हम आपको बता दें कि यह छतरियां सिंधिया के लिए बनवाई गई थी। जिसमें से एक छतरी का निर्माण माधवराव सिंधिया एवं एक छतरी का निर्माण उनकी माता के लिए निर्माण कराई गई थी l
4) भूरा को झरना –
यह झरना छोटा रूप धारण किए हुए हैं। ऐसे झरने में एक शिव की मूर्ति स्थित है। यह झरना माधव संध्या झील से निकटतम स्थित है। और इस झील का पानी लगभग 25 मीटर की ऊंचाई से गिरता है। और हम आपको बता दें कि झील के निकटतम मैदान में लोग पिकनिक का आनंद लेने के लिए बहुत आते हैं।
5) भदैया कुंड –
यह कुंड शादी होने के बाद जो आपसी मनमुटाव होता है, उसे दूर करने के लिए लोग इस कुंड में नहाने के लिए दूर-दूर से आते हैं। कहा जाता है कि यहां पर दो प्रमुख प्रेमियों ने तपस्या करके अपने प्रेम को पूरा किया था। इसी कारण यहां पर दो शादीशुदा जोड़ियां के आपसी मनमुटाव को दूर करने के लिए लोग इस कुंड में नहाने के लिए आते हैं l
6) माधव राष्ट्रीय उद्यान –
यह शिवपुरी शहर में स्थित है। माधव राष्ट्रीय उद्यान का प्रमुख स्थान शिवपुरी मे जहां बहुत से जंगली जानवर पाए जाते हैं। और मांडू से लौटते वक्त वहां के राजा ने माधवराव सिंधिया एवं माधव राष्ट्रीय उद्यान से कई हाथियों को बंदी बना लिया था। और इसके अलावा तेंदुआ को भी नुकसान पहुंचाया था। इस माधव राष्ट्रीय उद्यान में शेर, चीता, तेंदुआ, हिरण, लंगूर जैसे जानवर पाए जाते हैं। इसके अलावा पक्षियों के भी कई प्रजातियां पाई जाती हैं। और इस राष्ट्रीय उद्यान में 2 झीलें प्रमुख रूप से स्थित हैं।
7) नरवर का किला एवं लोड़ी माता मंदिर –
ग्वालियर से 60 किलोमीटर दूर नरवर दुर्ग में स्थित है। नरवर का किला लगभग 200 वर्ष पुराना है। इस किले का मैदान लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर फैला हुआ है। यह किला का निर्माण नर द्वारा किया गया था इसलिए इसका नाम नरवर का किला पड़ा l
8) सूर्य बाबा की गड़ी पहला भाग –
यह लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर झांसी रोड पर स्थित है। छोटे से शहर में यह गड़ी स्थित है। और ऐसे गड़ी को देखने के लिए काफी लोग आते हैं। वास्तविकता में सूर्य बाबा की गड़ी बहुत ही खूबसूरत है l
9) पावा झरना –
यह झरना बहुत ही खूबसूरत है। इस झरने को देखने के लिए बहुत लोग आते हैं। और यहां पर हमेशा शांत वातावरण रहता है जिससे लोगों के मन की चंचलता दूर हो जाती है। और काफी संख्या में लोग यहां मन की शांति पाने के लिए एकत्रित होते हैं।
10) मड़ीखेड़ा बांध –
यह बांध मुख्यालय से 23 किलोमीटर की दूरी पर एक नदी पर बनाया गया है। जोकि दतिया एवं झांसी से जाने वाला रोड पर मिल जाता है। यह बांध बहुत ही विशाल बनाया गया है l
11) सुरआया किला –
यह किला शिवपुरी का एक प्राचीन ऐतिहासिक पर्यटन क्षेत्र है। यह किला झील एवं दीवारों से घिरा हुआ है। और इस किले का प्रमुख विशेषता हैं कि यह बहुत ही दर्शनीय हैं, और हम आपको बता दें कि यहां की वास्तुकला प्राचीन होने के कारण बहुत ही दर्शनीय है l
12) जॉर्ज कैसल –
इसका निर्माण जीवाजी राव सिंधिया के आदेश पर सरदार ने करवाया था। और जॉर्ज कैसल माधवराव सिंधिया के शासनकाल में बनवाया गया था एवं माधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान की ऊंची पहाड़ी पर यह बनाया गया है। ऊंची पहाड़ी पर स्थित होने के कारण यहां से राष्ट्रीय उद्यान का पूरा नजारा देख सकते हैं l
13) करेरा पक्षी अभ्यारण –
शिवपुरी हम आपको बता दें कि यह शिवपुरी में स्थित है जोकि यहां पर हमें अलग-अलग प्रकार के पक्षी देखने को मिल सकते हैं। एवं ठंड के समय जब हम यहां पर जाते हैं, तो विदेशी वर्ड्स भी देखने को मिल सकते हैं। और यहां पर पहुंचना बहुत आसान है, यह जगह शिवपुरी के करेरा में स्थित है। और यहां पर बहुत अच्छा लगता है वह यह प्राकृतिक स्थल है l
14) देव खोह देवपुरी –
हम आपको बता दें कि यह मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में पाया जाता है। यही एक सुंदर चित्र है। जहां पर पैदल जाना पड़ता है। यह जंगल के बीच में स्थित है। यह चंद्रबानी में स्थित है। और बरसात के समय यहां पर आपको जल प्रताप देखने को भी मिलता है। और हम बता दें कि यहां पर भगवान शंकर जी का एक मंदिर भी बनाया गया है। जो कि बहुत प्राचीन एवं प्रसिद्ध माना जाता है। और यहां पर आकर आपको बहुत अच्छा लगता है। और यह मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के सबसे अच्छी जगह में से एक है l
15) करेरा का किला –
शिवपुरी हम आपको बता दें कि यह किला ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत ही प्रसिद्ध है एवं इस किले में बहुत सारे बुर्ज भी बने हुए है। एक प्राचीन किला है, इस किले में भगवान शंकर जी का मंदिर भी देखने को मिलता है। जो बहुत प्राचीन है, और यहां पर श्री राम जी का मंदिर भी देखने को मिल सकता है। जो प्राकृतिक है और हम आपको बता दें कि यहां पर घूमने के लिए एक सुंदर जगह है, और बड़ी संख्या में लोग यहां घूमने आते हैं। और यहां पर यह कुंड भी बना भी बना हुआ है lयह किला बहुत सुंदर है,यह किला शिवपुरी शहर के करेरा ग्राम में बना हुआ है। यहां पर आसानी से पहुंचा जा सकता है। और यह जगह बहुत सुंदर है l
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Shivpuri District GK History in hindi FAQ’S
🌗प्रोजेक्ट शक्तिमान योजना के अंतर्गत शिवपुरी जिला भी आता है।
🌗मध्य प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान शिवपुरी को माना जाता है।
🌗 देश का प्रथम स्वचालित टेलिफोन एक्सचेंज मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के अयोलपाटा में स्थापित किया गया है।
🌗 शिवपुरी को प्रथम पर्यटन नगर होने का दर्जा प्राप्त है।
🌗 शिवपुरी में मुख्य रूप से बुंदेलखंडी भाषा बोली जाती है।
🌗 पीर बुधान का उर्स ग्राम सवेरा शिवपुरी में आयोजित किया जाता है।
🌗 बाणगंगा का मेला फागुन मास में शिवपुरी में आयोजित होता है।
🌗 क्रिकेट एकेडमी शिवपुरी जिले में ही स्थापित की गई है।
🌗 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय शिवपुरी जिले में स्थित है।
🌗 प्रदेश का पहला बालिका शारीरिक प्रशिक्षण कॉलेज शिवपुरी में स्थापित किया गया है।
🌗 शिवपुरी जिले में सुरक्षाबलों की हवाई पट्टी में बनाई गई हैं।
🌗 एनएच 76 शिवपुरी जिले से होकर गुजरता है।
🌗 क्रांतिकारी तात्या टोपे को शिवपुरी के जंगलों में ही फांसी दी गई थी।
🌗 शिवपुरी जिले को प्राचीन काल में नलपुर या नरवर के नाम से जाना जाता था।
🌗 पीर बुधन का मकबरा शिवपुरी जिले में ही स्थापित है।
🌗 महारानी सांख्य राजे सिंधिया की समाधि शिवपुरी में स्थापित है।
🌗 नरवर का किला शिवपुरी जिले में स्थित है। जिसे राजा नल ने बनवाया था।
🌗 कत्था उद्योग शिवपुरी जिले में स्थापित है।
🌗 शीशा गेलेना का उत्पादन शिवपुरी जिले में किया जाता है।
🌗 माधव राष्ट्रीय उद्यान शिवपुरी जिले में स्थापित है।
🌗 सोन चिड़िया माधव राष्ट्रीय उद्यान शिवपुरी में पाई जाती हैं।
🌗 फॉरेस्ट गार्ड ट्रेनिंग सेंटर शिवपुरी में स्थापित है।
🌗 शिवपुरी जिला सिंध परियोजना से सिंचित होता है।
🌗 मड़ीखेड़ा अटल सागर परियोजना शिवपुरी जिले में स्थापित है।
🌗 शिवपुरी शहर सिंध नदी के किनारे बसा हुआ है।
🌗 कुंवारी नदी का उद्गम शिवपुरी के पठार से होता है।