Ujjain GK History in hindi उज्जैन जीके हिस्ट्री पर्यटन स्थल

उज्जैन जिला के प्रमुख पर्यटक स्थल

हेलो दोस्तों आज हम आपको मध्य प्रदेश के प्रमुख जिला उज्जैन के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। उज्जैन को महाकाल की नगरी के रूप में जाना जाता है। क्षिप्रा नदी के किनारे स्थित उज्जैन मध्य प्रदेश का ऐसा जिला जिसे महाकाल की नगरी कहते हैं । उज्जैन में प्रसिद्ध महाकालेश्वर का मंदिर स्थित है । इस मंदिर के समीप से कर्क रेखा गुजरती है तथा यहीं पर 90 डिग्री का कोण बनाती है । उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में रोज रात 2:30 मिनट पर ताजे मुर्दे की भस्म आरती का आयोजन किया जाता है। उज्जैन को कालिदास की नगरी कहते हैं। और सन 1977 में यहीं पर कालिदास अकादमी की स्थापना की गई थी। चंद्रगुप्त द्वितीय का संबंध जिन्हें इंद्र, देवेंद्र , महेंद्र , नरेंद्र के नाम से भी जाना जाता है ।

👉 मध्य प्रदेश का उज्जैन से अलग करके 53 वा जिला नागदा

मध्यप्रदेश में कृत्रिम रेशे बनाने के सर्वाधिक कारखाने उज्जैन के नागदा में है। यहां ग्रेसीम कंपनी ने अपनी इकाई स्थापित की है। इसी कंपनी ने यहां एक हवाई पट्टी का निर्माण करवाया है। नागदा मध्य प्रदेश का 53 वा जिला बनने जा रहा है। मध्य प्रदेश सरकार ने उज्जैन में कालिदास के नाम से कालिदास अकादमी की स्थापना की है । यह अकादमी हर साल उज्जैन में ही कालिदास समारोह का आयोजन करवाती है। उज्जैन में स्थित गोपाल मंदिर का निर्माण दौलतराव सिंधिया की पत्नी पायजा बाई ने करवाया था। यहां स्थित काल भैरव मंदिर का निर्माण राजा भद्रसेन ने कराया था ।

उज्जैन को मध्यप्रदेश में सांस्कृतिक नगरी के नाम से जाना जाता है तथा यह पवित्र नगरी कहलाती है। उज्जैन को मध्य प्रदेश में मेलों की नगरी कहते हैं क्योंकि यहां पर 1 वर्ष में 227 मेलों का आयोजन किया जाता है । उज्जैन को मध्य प्रदेश में मंदिरों की नगरी कहते हैं और उज्जैन 16 महाजनपदों में से एक है । उज्जैन को कुंभ नगरी के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह भारत की चार महाकुंभ नगरियों में से एक है ।

Ujjain GK History in hindi उज्जैन जीके हिस्ट्री

👉 उज्जैन का प्राचीन नाम उज्जैनी या अवंतिका

उज्जैन का प्राचीन नाम उज्जैयिनी अवंतिका था । जिसे सोयाबीन नगरी भी कहते हैं एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा सोयाबीन संयंत्र कारखाना उज्जैन में स्थापित किया गया है। उज्जैन में क्षिप्रा नदी के किनारे प्रत्येक 12 वर्ष पश्चात महाकुंभ के मेले का आयोजन किया जाता है। मध्य प्रदेश के उज्जैन में 12 अप्रैल से 23 मई 2016 को महाकुंभ के मेले का आयोजन किया गया था और इससे पहले 2004 में महाकुंभ के मेले का आयोजन किया गया था। भविष्य में सन 2028 में उज्जैन में महाकुंभ के मेले का आयोजन किया जाएगा।

👉 सोयाबीन अनुसंधान केंद्र उज्जैन

सवाई राजा जयसिंह ने पूरे भारत में जंतर मंतर वेधशाला का निर्माण कराया। एक उज्जैन में भी स्थित है। इस वेधशाला के माध्यम से सूर्य और चंद्रमा की गतियो का सटीक अध्ययन किया जा सकता है । उज्जैन जिले के अंतर्गत ही राज्य सरकार ने सोयाबीन अनुसंधान केंद्र की स्थापना की है । उज्जैन मध्य प्रदेश की सबसे ज्यादा अनुसूचित जाति जनसंख्या वाला जिला है। मध्य प्रदेश सरकार ने उज्जैन को चार हेरिटेज नगरों में शामिल किया है।

उज्जैन जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल निम्न है

  • 🟣 मंगलनाथ मंदिर
  • 🟣 संदीपनी आश्रम
  • 🟣 महाकालेश्वर मंदिर
  • 🟣 पाणिनी संस्कृत महाविद्यालय
  • 🟣 कालिया देह पैलेस
  • 🟣 हरसिद्धि माता का मंदिर
  • 🟣 बड़े गणेश मंदिर
  • 🟣 भ्रतहरी की गुफाएं
  • 🟣 जंतर मंतर वेधशाला
  • 🟣 रामघाट
  • 🟣 काल भैरव मंदिर

✔️ मंगलनाथ मंदिर

उज्जैन में मंगल ग्रह से संबंधित मंगल नाथ मंदिर स्थित है इसे धरती का केंद्र कहते हैं। उज्जैन में सवाई राजा जयसिंह द्वारा निर्मित वैद्य साला या जंतर मंतर को स्थापित किया गया है। उज्जैन सोयाबीन के उत्पादन में अपना प्रथम स्थान रखता है तथा यहीं पर संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है। उज्जैन में सबसे पहले जीरो का प्रयोग ब्रह्मगुप्त के द्वारा किया गया था । सेठ गोविंद दास शक्कर मिल तथा यहीं पर भ्रतहरि की गुफाएं स्थापित की गई हैं।

उज्जैन संभाग का विस्तार मध्य प्रदेश के उत्तर पश्चिम में है। इस संभाग के जिलों की सीमा पड़ोसी राज्य राजस्थान की सीमाओं को स्पर्श करती हैं। उज्जैन संभाग के अंतर्गत आने वाले जिलों की संख्या वर्तमान में 7 है लेकिन राज्य पत्र के अनुसार आठवां जिला नागदा जल्द ही अस्तित्व में होगा। उज्जैन भारत के 80 नगरों में से एक है जिन्हें इतिहास से पुराना माना जाता है। महाजनपद काल में उज्जैनी अवंती महाजनपद की राजधानी भी रही।

✔️ संदीपनी आश्रम

उज्जैनी में स्थित संदीपनी आश्रम को भारत में उच्च शिक्षा का सबसे प्राचीन केंद्र भी माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार श्री कृष्ण बलराम और उनके मित्र सुदामा ने शिक्षा यहीं से ग्रहण की थी। यहां पर मंगलनाथ का मंदिर स्थित होने के कारण से मंगल नगरी भी कहा जाता है । उज्जैन क्षिप्रा नदी के तट पर बसा हुआ नगर है यहीं पर हर 12 वर्षों के अंतराल में सिहस्थ मेले का आयोजन होता है। भारत में कुल चार जगह कुंभ मेले का आयोजन होता है लेकिन केवल उज्जैन में ही सिंहस्थ कुंभ का आयोजन होता है क्योंकि इसी समय बृहस्पति सिंह राशि में प्रवेश करता है इसी कारणवश क्षिप्रा नदी को मालवा की गंगा का दर्जा दिया गया है । मौर्य काल में बिंदुसार के समय उसका पुत्र अशोक अवंति का राज्यपाल रहा तथा उसकी राजधानी उज्जैनी रही।

✔️ महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन

उज्जैन कर्क रेखा पर बसा हुआ मध्य प्रदेश का एकमात्र नगर है कर्क रेखा मध्यप्रदेश के 14 जिलों से होकर गुजरती है । भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर स्थित है तथा मंदिर के ऊपर से होकर गुजरती है। मंदिर का वर्णन तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में भी किया है। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग विश्व का एकमात्र दक्षिणमुखी शिवलिंग है। महाकालेश्वर मंदिर में इतिहास से लेकर आज तक 7 बार टूटा और बना है इसकी वर्तमान इमारत का निर्माण रानू जी सिंधिया के मंत्री रामचंद्र ने करवाया था। सिंधिया राजवंश की प्रारंभिक राजधानी उज्जैन रही हैं। महाकाल मंदिर के एक ओर 24 स्तंभों का एक द्वार है जिसे विक्रमादित्य द्वार कहा जाता है।

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✔️ पाणिनी संस्कृत महाविद्यालय उज्जैन

एशिया का सबसे बड़ा सोयाबीन संयंत्र लगाया गया है। मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में स्थापित किया गया है। यहीं पर राज्य सरकार ने पाणिनि संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना की है। मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा शक्कर बनाने के कारखाने उज्जैन के महेंद्रपुर में स्थित है। कालिदास मूलता उज्जैन से संबंधित है उज्जैन के जंगलों में स्थित गढ़ कलिका मंदिर की सेवा करने के कारण इनका नाम कालिदास पड़ा। कालिदास कालांतर में उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के दरबारी भी रहे । इनके द्वारा लिखित ग्रंथ मेघदूतम में इन्होंने उज्जैन नगरी की बनावट आदि का वर्णन किया है। उज्जैन को मंदिरों और मूर्तियों का नगर भी कहा जाता है।

उज्जैन में स्थित बड़े गणेश मंदिर का निर्माण पंडित नारायण व्यास ने करवाया था। उज्जैन में स्थित सूर्य मंदिर को तोड़कर नसीर उद्दीन खिलजी ने यहां पर कालिया देह महल का निर्माण करवाया था। उज्जैन में स्थित नवग्रह मंदिर और नागेश्वर मंदिर वर्ष में एक बार खोले जाते हैं। उज्जैन जिले के अंतर्गत 7 तहसील और 7 विधानसभा आती है।

✔️ कालिया देह पैलेस

यह पैलेस उज्जैन शहर में स्थित सबसे प्रसिद्ध स्थलों में से एक है । जिसका निर्माण 15वीं शताब्दी में मांडू के सुल्तान द्वारा करवाया गया था । यह महल क्षिप्रा नदी के के बीच में एक द्वीप पर बना हुआ है । इस महल का पुनर्निर्माण 1920 में श्री माधवराव सिंधिया ने करवाया था । मध्य प्रदेश पर्यटन मंत्रालय के अनुसार यह महल पर्यटकों के द्वारा सबसे अधिक देखे जाने वाले स्थानों में से एक है।

✔️ हरसिद्धि माता मंदिर

यह उज्जैन शहर का एक महत्वपूर्ण मंदिर है जो अन्न की देवी मां अन्नपूर्णा को समर्पित है अन्नपूर्णा देवी के साथ-साथ यहां पर मां लक्ष्मी और देवी सरस्वती की मूर्तियां विराजमान है । इसके अलावा शक्ति का प्रतीक श्री यंत्र भी यहां पर प्रतिष्ठित किया गया है । दीपों से बने दो बड़े खंबे इस मंदिर की विशेषता है जहां पर शाम के टाइम में हजारों की संख्या में पर्यटन आते हैं।

✔️ बड़े गणेश जी का मंदिर

गणेश मंदिर मंदिरों के शहर उज्जैन में स्थित यह एक पारंपरिक मंदिर है जो हिंदुत्व भगवान गणेश को समर्पित है । एक तालाब पर बना हुआ यह भगवान गणेश का विशाल मंदिर है। जो प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के पास में स्थित है । यहां पर भगवान गणेश की एक भव्य और विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है। जिसके चलते इस जगह को बड़े गणेश के नाम से जाना जाता है।

✔️ भ्रतहरी की गुफाएं

उज्जैन में राजा भ्रतहरी की गुफाएं स्थित हैं । यहां पर राजा भ्रतहरी ने 12 वर्ष तक तपस्या की थी। यह ऐतिहासिक गुफाएं शहर के भीड़भाड़ वाले इलाके से दूर क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है । गुफा का रास्ता काफी छोटा होने के कारण यहां पर आने वाले लोगों को संभल कर चलना पड़ता है जहां पर गुफा के अंत में राजा भ्रतहरी की प्रतिमा रखी गई है यहां पर एक और छोटी सी गुफा बनी हुई है जो राजा भ्रतहरी की भतीजे गोपीचंद जी के लिए समर्पित है।

✔️ जंतर मंतर वेधशाला

जंतर मंतर उज्जैन की शानदार जगह बनी हुई है जिसका निर्माण जयपुर के महाराजा जयसिंह ने सन 1733 में करवाया था । भारत में जयपुर, दिल्ली ,उज्जैन, मथुरा, बनारस जैसे 5 शहरों में जंतर मंतर यह वेधशाला बनी हुई है लेकिन उज्जैन का जंतर मंतर उन सब में सबसे पुराना है यह जगह वैदिक संस्कृति के नाम से भी जानी जाती है।

✔️ रामघाट

क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है, शाम के समय में यहां पर क्षिप्रा नदी के तट पर होने वाली आरती में हजारों की संख्या में भीड़ आती है । रामघाट सबसे अधिक कुंभ मेले के लिए जाना जाता है। कुंभ मेला उज्जैन शहर में हर 12 वर्ष में आयोजित किया जाता है। जहां पर दुनिया भर के पर्यटक आते हैं।

✔️ काल भैरव मंदिर

यह मंदिर उज्जैन शहर में स्थित सबसे लोकप्रिय धार्मिक स्थानों में से एक है जो उज्जैन शहर के रक्षक काल भैरव को समर्पित है । काल भैरव हिंदू भगवान शिव का ही एक रूप है। काल भैरव का शानदार मंदिर क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है । यहां पर हर रोज हजारों की संख्या में भक्त आते हैं और भगवान काल भैरव को मदिरा चढ़ाते हैं जो इस मंदिर की विशेषता है । यह मंदिर महाकालेश्वर मंदिर से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

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Ujjain GK History in hindi उज्जैन जीके हिस्ट्री FAQ’s

☑️ प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश के किस जिले में स्थित है?
उत्तर- उज्जैन

☑️ उज्जैन में कितनी तहसीलें हैं?
उत्तर- 7

☑️ उज्जैन में कितनी विधानसभा है?
उत्तर – 7

☑️ प्रसिद्ध बड़े गणेश मंदिर मध्य प्रदेश के किस जिले में स्थित है?
उत्तर- उज्जैन

☑️ काल भैरव मंदिर मध्य प्रदेश के किस जिले में स्थित है ?
उत्तर- उज्जैन

☑️ कालिया देह पैलेस मध्य प्रदेश के किस जिले में स्थित है?
उत्तर- उज्जैन

☑️ उज्जैन का सिहस्थ महाकुंभ कितने वर्षों में आयोजित किया जाता है?
उत्तर- 12 वर्ष

☑️ जंतर मंतर वेधशाला मध्य प्रदेश के किस जिले में स्थित है ?
उत्तर- उज्जैन

☑️भ्रतहरी की गुफाएं मध्य प्रदेश के किस जिले में स्थित है?
उत्तर- उज्जैन

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